पाकिस्तान में जुलाई में होने वाले आम चुनावों में मत डालने के लिए योग्य 10 करोड़ 50 लाख मतदाताओं में से करीब चार करोड़ 60 लाख युवा मतदाताओं के मत पर बहुत हद तक निर्भर करेगा कि देश में सत्ता किन हाथों में होगी.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (पीएमएल-एन) की अगुवाई वाली मौजूदा सरकार 31 मई को अपना कार्यकाल पूरा कर लेगी जिसके बाद एक कार्यवाहक सरकार की देखरेख में चुनाव कराए जाएंगे. यह चुनाव 25 जुलाई से 27 जुलाई के बीच कराने का प्रस्ताव दिया गया है.
पाकिस्तान चुनाव आयोग की वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तान के छह प्रांतों में कुल पांच करोड़ 92 लाख पुरुष और चार करोड़ 67 लाख महिलाओं के नाम मतदाता सूची में शामिल हैं.
प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी की पार्टी सत्तारूढ़ पीएमएल-एन, क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होना है.
चुनाव विश्लेषकों का मानना है कि इस बार सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले युवा दुनिया की छठी सबसे ज्यादा आबादी वाले देश में किसकी सरकार बनेगी इसमें निर्णायक भूमिका निभाएंगे.
डॉन समाचारपत्र ने एक विश्लेषक के हवाले से बताया कि बड़ी संख्या में युवा मतदाता जिनमें से अधिकतर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं न सिर्फ ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रचार के उपकरणों का इस्तेमाल कर मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं बल्कि चुनाव के दिन बड़ी संख्या में मताधिकार का इस्तेमाल कर चुनावी तस्वीर को भी बदल सकते हैं.
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