अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पुष्टि की कि उनका देश शीत युद्ध के दौरान रूस के साथ की गई हथियार नियंत्रण संधि से अलग हो जाएगा. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि रूस ने समझौते का उल्लंघन किया. अमेरिका के इस कदम पर पलटवार करते हुए मॉस्को ने कहा कि यह अमेरिका का एक खतरनाक कदम साबित हो सकता है.
मध्यम दूरी परमाणु शक्ति (आईएनएफ) संधि की अवधि अगले दो साल में खत्म होनी है. साल 1987 में हुई यह संधि अमेरिका और यूरोप और सुदूर पूर्व में उसके सहयोगियों की सुरक्षा में मदद करती है. यह संधि अमेरिका और रूस को 300 से 3,400 मील दूर तक मार करने वाली जमीन से छोड़े जाने वाली क्रूज मिसाइल के निर्माण को प्रतिबंधित करती है. इसमें सभी जमीन आधारित मिसाइलें शामिल हैं.
#BREAKING Withdrawal from nuclear arms deal 'dangerous step' for US: Moscow pic.twitter.com/Ey6neyhOFy
— AFP news agency (@AFP) October 21, 2018
हालांकि ट्रंप ने नेवादा में इस संधि से अगल होने की बात करते हुए शनिवार को कहा, ‘हम समझौते को खत्म करने जा रहे हैं और हम इससे बाहर होने जा रहे हैं.’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘जब तक रूस और चीन एक नए समझौते पर सहमत नहीं हो जाते तब तक हम समझौते को खत्म कर रह हैं और फिर हथियार बनाने जा रहे हैं.’
चीन और ट्रंप आएंगे तब करेंगे समझौता: ट्रंप
इसी के साथ ट्रंप ने रूस पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘रूस ने समझौते का उल्लंघन किया है. वे कई वर्षों से इसका उल्लंघन कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हम उन्हें परमाणु समझौते का उल्लंघन करने और हथियार बनाने नहीं दे रहे और हमें भी ऐसा करने की अनुमति नहीं है.’
ट्रंप ने कहा, ‘जब तक रूस और चीन हमारे पास नहीं आते और यह नहीं कहते कि चलिए हम में से कोई उन हथियारों का निर्माण नहीं करे, तब तक हमें उन हथियारों को बनाना होगा. अगर रूस और चीन यह कर रहे हैं, और हम समझौते का पालन कर रहे हैं तो यह अस्वीकार्य है.’
United States will withdraw from a landmark nuclear weapons treaty with Russia; US President #DonaldTrump says Russia had "violated" the 1987 Intermediate-Range Nuclear Forces (INF) treaty pic.twitter.com/CVSobheStK
— Doordarshan News (@DDNewsLive) October 21, 2018
उन्होंने कहा कि जब तक दूसरे देश इसका उल्लंघन करते रहेंगे तब तक अमेरिका इस समझौते का पालन नहीं करेगा. इस बीच, रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि रूस के साथ ऐतिहासिक परमाणु संधि से अलग होने का अमेरिका का कदम अकेले वैश्विक महाशक्ति बनने के सपने से प्रेरित है.
ओबामा को भी रद्द कर देना चाहिए था
ट्रंप ने आरोप लगाया कि उनके पूर्ववर्ती बराक ओबामा ने इस पर चुप्पी साधे रखी. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि क्यों राष्ट्रपति ओबामा ने बातचीत करने या बाहर निकलने की कोशिश नहीं की.’ साल 1987 में अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और उनके तत्कालीन यूएसएसआर समकक्ष मिखाइल गोर्बाचेव ने मध्यम दूरी और छोटी दूरी की मिसाइलों का निर्माण नहीं करने के लिए आईएनएफ संधि पर हस्ताक्षर किए थे.
नाटो मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि आईएनएफ समझौता ‘यूरो-अटलांटिक सुरक्षा के लिए अहम है और हम इस ऐतिहासिक हथियार नियंत्रण संधि की रक्षा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.’ साथ ही उन्होंने रूस से अपनी नई मिसाइलों की क्षमताओं को लेकर स्पष्ट करने का आग्रह किया.
(इनपुट भाषा से)
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