अमेरिका के शीर्ष सांसदों और विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को जल्दबाजी में हटाने की प्रक्रिया अमेरिका के पेंटागन पर हुए 9/11 के हमले का रास्ता तैयार करेगी. इससे पहले ट्रंप सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की घोषणा कर चुके हैं.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने अफगानिस्तान से बड़ी संख्या में अमेरिकी सैनिकों को वापस अमेरिका बुलाने का निर्णय लिया है. यह घोषणा सीरिया से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाए जाने की घोषणा के एक दिन बाद किया गया था. मौजूदा समय में अफगानिस्तान में अमेरिका के करीब 15000 सैनिक हैं जो या तो अफगानिस्तान के सुरक्षा बलों की मदद के लिए नाटो मिशन के तहत या अन्य आतंक विरोधी अभियानों में तैनात हैं.
ट्रंप इस युद्धग्रस्त देश से करीब 3000 सैनिकों को वापस बुलाने पर विचार कर रहे हैं. हालांकि, अमेरिकी सीनेटरों ने कहा कि सैनिकों को वापस बुलाने की रणनीति बेहद जोखिम भरी होगी. सीनेटर लिंड्से ग्राहम ने कहा, 'अफगानिस्तान से इस समय अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की रणनीति बेहद जोखिम भरी होगी. अगर हम ऐसा करते हैं तो हमने अब तक जो हासिल किया है, उसे खोने की दिशा में बढ़ेंगे और 9/11 हमले का रास्ता तैयार करेंगे.'
साउथ कैरोलिना के रिपब्लिकन सीनेटर हाल ही में अफगानिस्तान से लौटे हैं. उनका कहना है कि अफगानिस्तान की आईएसआईएस संबद्ध इकाई इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द शाम-खुरासान (आईएसआईएस-के) अमेरिका के लिए सीधे तौर पर खतरा है और अफगानिस्तान में अमेरिकी सैनिकों की संख्या कम होने से इन्हें फायदा पहुंचेगा. मीडिया खबरों के मुताबिक अमेरिकी सैनिकों को अगले कुछ सप्ताह में अफगानिस्तान से वापस बुलाया जाएगा.
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