अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की हबल स्पेस टेलीस्कोप ने ने अभी तक का सबसे दूरी पर स्थित तारे की खोज की है. ब्रह्मांड के बीच में स्थित नीले रंग के इस विशाल तारे का नाम पौराणिक ग्रीक चरित्र इकारस के नाम पर रखा गया है.
और सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि यह तारा इतनी दूर है कि इसकी रोशनी को पृथ्वी तक पहुंचने में नौ अरब साल लग गए. दुनिया की सबसे बड़ी दूरबीन से भी यह तारा बहुत धुंधला दिखाई देगा.
ग्रेवीटेशनल लेनसिंग नाम की प्रक्रिया होती है जो तारों की धुंधली चमक को तेज कर देती है जिससे खगोलविज्ञानी दूर के तारे को भी देख सकते हैं. नासा ने बताया है कि अगर सही कॉस्मिक लेंस हो तो आप अरबों प्रकाश वर्ष आगे तक देख सकते हैं. इसी लेंस की मदद से नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी के स्पेस टेलीस्कोप हबल ने इस तारे को ढूंढा है.
इस तारे का आधिकारिक नाम MACS J1149+2223 Lensed Star 1 रखा गया है लेकिन इसे इकारस का नाम दिया गया है. पुराण के मुताबिक, ग्रीक चरित्र इकारस सूर्य के इतने पास चला गया था कि उसके पंख जल गए थे और वो समुद्र में गिर गया था.
बर्केले में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में इस शोध का नेतृत्व करने वाले पैट्रिक केली ने कहा, ‘यह पहली बार है कि जब हमने एक विशाल और अपनी तरह का अकेला तारा देखा है.’
केली ने कहा, ‘आप वहां पर कई आकाशगंगाओं को देख सकते हैं लेकिन यह तारा उस तारे से कम से कम100 गुना दूर स्थित है जिसका हम अध्ययन कर सकते हैं.’
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