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हर ऐप आपका डेटा चुराती है. इससे बचने का एक ही उपाय है

आज के युग में पूरी तरह से प्राइवेसी संभव नहीं है, लेकिन आप अपने आपको सुरक्षित कर सकते हैं

Updated On: Mar 26, 2018 05:31 PM IST

Animesh Mukharjee Animesh Mukharjee

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हर ऐप आपका डेटा चुराती है. इससे बचने का एक ही उपाय है

दुनिया भर में कैंब्रिज एनालिटिका के डेटा चोरी के बाद तमाम जगहों पर प्राइवेसी और सुरक्षा को लेकर विवाद चल रहे हैं. राजनीतिक पार्टियां भी इन विवादों से बची नहीं हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि हम आप कैसे अपना डेटा सुरक्षित रखें और क्यों?

पूरी तरह से डेटा प्राइवेट रखना संभव ही नहीं है

सामान्य सा नियम है कि सरकारों और सार्वजनिक जीवन में ट्रांसपैरेंसी होनी चाहिए. निजी चीज़ों में प्राइवेसी होनी चाहिए. लेकिन डेटा से पैसा कमाने के दौर में इसका ठीक उल्टा हो रहा है. आपको फोन इस्तेमाल करना है, ऑनलाइन बैंकिंग चाहिए. इनकम टैक्स रिटर्न भरना है. ओला-ऊबर में बैठना है. बिग बाजार जैसे रीटेल स्टोर से सामान खरीदना है. इन सबमें कहीं न कहीं आपको अपना डेटा देना ही पड़ेगा. डेटा देना उतना बुरा भी नहीं है. सबसे बुरा है इसका आपकी जानकारी के बिना चोरी होना. इसका गलत इस्तेमाल होना.

आपके लिए क्यों जरूरी है डेटा की सुरक्षा

आप आज सिंगल हैं. आपकी फेसबुक पर किसी से दोस्ती हुई. दोस्ती कुछ निजी दोस्ती में बदल गई. कई ऐसी बातें हो गईं जो सार्वजनिक जीवन में सामने न आए तो बेहतर. 10 साल बाद आप किसी बड़ी कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट बन गए. अब कोई कंपनी आपको ब्लैकमेल कर सकती है. आपके पुराने किस्से उखाड़कर आपकी सार्वजनिक छवि खत्म कर सकती है.

अगर इससे आपको फर्क नहीं पड़ता कोई बात नहीं. आपका फोन सिर्फ बात करने के लिए नहीं है. इसमें आपकी फोटो, कई जरूरी लोगों के नंबर और बैंक से जुड़ी सारी डीटेल होती है. आपका आधार वैरिफिकेशन नंबर सिम कार्ड उसी फोन में होता है. इन सबको एक्सेस करके कोई आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है.

क्या हैं बचने के उपाय

फिंगप्रिंट का इस्तेमाल बंद कर दें

फिंगरप्रिंट और पासवर्ड में एक बुनियादी फर्क है. आपका पासवर्ड चोरी हो जाए तो आप बदल सकते हैं. लेकिन फिंगरप्रिंट चोरी हो जाए तो कभी नहीं बदल सकते हैं. इसलिए फोन सर्विस में खास तौर पर फिंगरप्रिंट से बचें. हम सबको बड़ा आसान लगता है कि फोन के फिंगरप्रिंट स्कैनर पर उंगली रखी और फोन खुल गया. लेकिन अगर कोई आपका फिंगरप्रिंट यहां से चुरा ले तो? कहीं और से फिंगरप्रिंट चुराकर आपका फोन खोल ले तो. आप नींद में हों, बेहोश हों तो आस-पास का कोई शख्स ही आपका फोन खोल लेगा और पता नहीं चलेगा.

2014 में एक हैकर ने बायोमेट्रिक डीटेल को असुरक्षित साबित करने के लिए जर्मनी के रक्षामंत्री का फोन हैक किया. उस आदमी ने फोन को हाथ लगाए बिना. दूर से खींची गई फोटो और हैकिंग से रक्षामंत्री का फोन उनके सामने बिना पासवर्ड खोल दिया. ऐसा करने के लिए कोई हाईफाई गैजेट नहीं चाहिए. एक अच्छे मेगापिक्सल वाला मोबाइल फोन और इंटरनेट कनेक्शन के साथ लैपटॉप दुनिया के सबसे ताकतवर आदमी की निजी जानकारी तक पहुंचने के लिए काफी रहेगा.

डेटा इनक्रिप्ट करें

इनक्रिप्शन डेटा सुरक्षा का सबसे तगड़ा उपाय है. इसमें एक ही शर्त है कि ये एकतरफा होता है. मतलब अगर आप खुद अपना पासवर्ड खो दें तो आपका डेटा आपके लिए भी बेकार हो जाएगा. इसलिए इसका इस्तेमाल सोच समझ करें.

लगभग हर एंड्रॉएड फोन में इनक्रिप्शन का ऑप्शन होता है. इनक्रिप्शन बिट में आता है. सामान्य सुरक्षा के लिए 128 बिट काफी है. सेना, सरकारें 2048 बिट तक का इनक्रिप्शन इस्तेमाल करती हैं. इनक्रिप्शन को तोड़ना बहुत मुश्किल है. 128 बिट के इनक्रिप्शन का बहुत आसान मतलब हुआ कि 128x127x126x125……3x2x1 कॉम्बिनेशन में आपका डेटा कोड कर दिया जाएगा. इसकी सिर्फ एक सही की होगी जिससे ये डेटा खुलेगा. बिना इस चाबी (पासवर्ड) के इस डेटा को खोलने के लिए किसी को ये अरबों खरबों कॉम्बिनेशन ट्राय करने होंगे.

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जिसमें बहुत सारा कंप्यूटर हार्डवेयर चाहिए. उदाहरण के लिए 2048 बिट का इन्क्रिप्शन खोलने के लिए किसी को 120 टेराबाइट की मेमोरी वाला कंप्यूटर चाहिए. इसलिए सामान्य लैपटॉप जो 1-2 टेराबाइट से ज्यादा मेमोरी नहीं रखते हैं इसका मतलब हुआ कि सामान्य या छोटे-मोटे हैकर अनंतकाल तक नहीं खोल सकते हैं. हां जब फेसबुक, गूगल या खुद किसी बड़े देश की सरकार या एनॉनमस जैसा हैकर ग्रुप आपके डेटा के पीछे हो तो इसे क्रैक कर लिया जाएगा.

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अपनी फोन की सेटिंग में जाएं, सिक्योरिटी और पासवर्ड में जाएं और जिस चीज़ को चाहें इनक्रिप्ट कर दें. इसके बाद आपका डेटा सुरक्षित है. कोई इसे चुरा भी ले तो ये उसके किसी काम का नहीं. हां याद रखें कि इनक्रिप्शन के बाद आपका फोन थोड़ा धीमा हो जाएगा. इसके साथ ही आपको अपनी फोटो, या दूसरी चीज़ें दूसरे फोन, कंप्यूटर पर ट्रांसफर करनी हो तो आपको बड़े ध्यान से करना होगा. इनक्रिप्शन को हटाने का एक ही तरीका है कि आप अपने फोन को फैक्ट्री मोड पर रीसेट कर दें और इससे पहले अपना डेटा कहीं और सफलता के साथ ट्रांसफर कर दें.

अगर आपके फोन में इन्क्रिप्शन नहीं है तो निराश न हों डेटा इनक्रिप्ट करने के लिए कई ऐप भी मौजूद हैं. इसके अलावा अाप अपनी किसी खास फेसबुक चैट और व्हॉट्सऐप को भी इनक्रिप्ट कर सकते हैं.

लैपटॉप और कंप्यूटर का वेबकैम बंद रखें

आपका कंप्यूटर अगर इंटरनेट से जुड़ा है तो उसके वेबकैम पर टेप लगा दें. ऐसा करना जरूरी नहीं है लेकिन ऐसे कई मामले हैं जहां हैकर्स कंप्यूटर का वेबकैम हैक कर लेते हैं. इंटरनेट से जुड़े सिस्टम को रिमोटली देखना संभव है. लेकिन वेबकैम से आपको, आपकी हरकतों को भी देखा जा सकता है.

एक बात और, किसी ब्राउज़र का इनकॉग्निटो मोड आपके पासवर्ड की सुरक्षा की गारंटी नहीं लेता. इनकॉग्नीटो सिर्फ आपकी डीटेल और ब्राउज़र को सेव न करने का दावा करता है. अगर सही में आपको अपने सिस्टम पर सुरक्षित इंटरनेट चाहिए तो आप टॉर एक्सटेंशन वाले ब्राउज़र और वीपीएन का इस्तेमाल कर सकते हैं.

आज के युग में इंटरनेट पर पूर्ण प्राइवेसी संभव नहीं है. इसे सुरक्षित बनाना काफी हद तक संभव है. इतनी सुरक्षा हर एक को रखनी चाहिए कि जब तक कोई आपके पीछे ही न पड़ जाए आप सुरक्षित रहें.

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