आमतौर पर मूवी सेव करने के लिए हम पेन ड्राइव या हार्ड डिस्क का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के रिसर्चर्स ने इसे जिंदा कोशिकाओं के DNA में सेव कर विज्ञान का नया करिश्मा कर दिखाया है. वैज्ञानिकों ने न सिर्फ फिल्म को डीएनए में सुरक्षित किया बल्कि इसे दोबारा देखने के लिए रिट्रीव भी कर दिया. है न नया करिश्मा, अब क्या आने वाले वक्त में आप अपने डीएनए में आॅफिस की फाइल्स को सेव करके रखेंगे. फिलहाल ये एक सपना है.
नीचे दिए गए तस्वीर की सीरीज में देख सकते हैं कि एक घोड़ा दौड़ रहा है और ये तस्वीर 1878 में फिल्माया गया था. इसे ब्रिटिश फोटोग्राफर एडवर्ड माइब्रिज ने तैयार किया था. सैकड़ों साल बाद अब ये पहली मूवी बन जाएगी जिसे जिंदा कोशिका के डीएनए में कोडिंग कर सेव किया गया. यही नहीं इसे वापस देखने के लिए डीकोड कर रिट्रीव भी किया गया.
सुप्रसिद्ध जर्नल नेचर ने हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के रिसर्चर्स की एक रिसर्च रिपोर्ट को पब्लिश करते हुए ये जानकारी दी. इस रिसर्च ने ये साबित कर दिया है कि हमारा शरीर दुनिया की सबसे अधिक स्टोरेज डिवाइस है.
वैज्ञानिकों ने इससे पहले भी शेक्सपियर की रचनाओं को डीएनए में संरक्षित किया था. इस तरह के रिसर्च से चिकित्सा वैज्ञानिकों को एक बड़ी सफलता भी मिल सकती है. इसके तहत वैज्ञानिक शरीर की कोशिकाओं की गतिविधि का भी वीडियो तैयार कर लें. और जब कभी कोई व्यक्ति बीमार पड़े तो डॉक्टर उसकी कोशिकाओं की गतिविधियों का वीडियो देखकर समझ लेंगे कि आखिर उसे हुआ क्या था. जैसे एयरोप्लेन के ब्लैक बॉक्स में सभी जानकारियां सुरक्षित हो जाती हैं.
साभार न्यूज़ 18
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