ईरान और दुनिया के कई देशों इंटरनेट पर बैन है. मगर इंटरनेट ऐसी चीज़ है जिसको रोकना भी संभव नहीं है. ऐसे में हुक्मरानों की सहूलियत के हिसाब से इंटरनेट चलाने का नतीजा है ईरान का 'हलाल नेट'.
ईरान में पिछले चार सालों से इंटरनेट पर बैन है. खासतौर पर फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर. जबकि स्मार्टफोन और कहीं से भी लाइव करने की सुविधा के चलते सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. कुछ समय पहले एक लड़की ने ईरान शासन के खिलाफ हिजाब लहराकर प्रदर्शन किया था जो दुनिया भर में वायरल हुआ था. इसके बाद ईरान में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और तमाम मैसेजिंग ऐप पर बैन लगा दिया था.
अब ईरान ने हलाल नेट लोगों को मुहैया करवाया है. इसमें कई तरह के प्रतिबंध होंगे. जो भी वेबसाइट शासन के मिजाज़ के हिसाब से नहीं होंगी उनका एक्सेस नहीं रहेगा. ये भी कह सकते हैं कि सरकार अपनी सुविधा के हिसाब से इंटरनेट इस्तेमाल करेगी. जबकि इस प्रतिबंधित इंटरनेट को हलाल नाम देने से इसको शरिया से जोड़कर लोगों के बीच पेश किया जा सकेगा. याद रहे कि ईरान की क्रांति के 40 साल पुरे हो रहे हैं. इस क्रांति के बाद ही ईरान में इस्लामिक शासन हो गया था.
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