पिछले कुछ महीनों में टिकटोक, क्वाई, बिगलाई, अपलाईव और लाइक जैसे कई चीनी ऐप्स भारत में काफी लोकप्रिय हो गए हैं. हालांकि विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार इनमें से कई एप्स पीडोफाइल के लिए नया शिकार ढूंढ रहे हैं. उनके अनुसार इन एप्स पर जो कंटेंटे मौजूद है वह देश के कानून का उल्लंघन कर सकती है. बता दें कि स्थानीय भाषाओं में प्राइवेसी पॉलिसी उपलब्ध नहीं है और ऐसे में कई यूजर्स को इन एप्स का उपयोग करने के प्रभावों को समझना मुश्किल हो जाता है जिससे वो आसानी से किसी का भी शिकार हो सकते हैं.
41 चीनी एप्स को खतरनाक के रूप में सूचीबद्ध किया गया था
हालांकि यह पहली बार नहीं है कि चीनी एप्स को खतरनाक कहा गया है. पिछले साल भी भारतीय खुफिया एजेंसियों ने 41 चीनी एप्स की पहचान की थी जिन्हें खतरनाक के रूप में सूचीबद्ध किया गया था. रक्षा मंत्रालय ने भारतीय सशस्त्र बलों को आदेश दिया था कि वह 40 चीनी एप्स को हटाने और अनइंस्टॉल करने के लिए अधिकारियों और सुरक्षा कर्मियों से बात करें.
चीनी लिंक के कारण इनमें स्पाइवेयर या अन्य मालवेयर मौजूद होते हैं
विश्वसनीय इनपुट के अनुसार चीनी डेवलपर्स द्वारा विकसित किए गए कई एंड्रॉइड/आईओएस एप्स या चीनी लिंक होने के कारण इनमें स्पाइवेयर या अन्य मालवेयर मौजूद होते हैं. एमओडी द्वारा जारी एडवाइजरी के अनुसार सुरक्षा कर्मियों द्वारा इन एप्स का उपयोग राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव डालने वाले डेटा सुरक्षा के लिए हानिकारक हो सकता है.
कुछ ऐसे चीनी एप जिनका भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है-
वीचैट, शेयर इट, ब्यूटी प्लस, यूसी ब्राउजर, क्यूक्यू, न्यूज डॉग, पैरेलल स्पेस, स्पेस सिटी, विवा वीडियो
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