गूगल के भारतवंशी सीईओ सुंदर पिचाई ने तनाव को कम करने के लिए गुपचुप तरीके से पेंटागन का दौरा किया. गौरतलब है कि कर्मचारियों के गुस्से के बाद गूगल को ड्रोन वीडियो का विश्लेषण करने के लिए एक विवादित रक्षा सौदा खत्म करना पड़ा था.
‘द वाशिंगटन पोस्ट’ की एक खबर के मुताबिक, पिचाई ने रक्षा मंत्रालय के खुफिया रक्षा उपमंत्री के कार्यालय के सैन्य और असैन्य नेताओं के एक समूह से मुलाकात की. यह विभाग आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ड्रोन प्रणाली जिसे ‘प्रोजेक्ट मावेन’ भी कहा जाता है, उसकी निगरानी करता है. गोपनीयता की शर्त पर बैठक के बारे में लोगों ने यह जानकारी दी.
गूगल ने मावेन प्रोजेक्ट के लिए रक्षा मंत्रालय के साथ काम किया था जो आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल कर संघर्ष वाले क्षेत्रों में उड़ रहे ड्रोन द्वारा रिकॉर्ड की गई वीडियो में कारों, इमारतों और अन्य वस्तुओं की पहचान करता है. गूगल के कर्मचारियों ने इस परियोजना की यह कहकर आलोचना की कि इससे सेना को पकड़ो और मारो की नीति में मदद मिलेगी. कर्मचारियों के गुस्से के बाद जून में गूगल ने कहा कि वह अपना अनुबंध आगे नहीं बढ़ाएगी.
रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हम निजी बैठकों की जानकारियों पर टिप्पणी नहीं करते. विभाग के नेता नवीन प्रौद्योगिकियों पर चर्चा करने के लिए नियमित तौर पर औद्योगिक साझेदारों से मुलाकात करते हैं. इन बैठकों का उद्देश्य भविष्य में तकनीकी चुनौतियों को हल करने में मदद करना है.’ गूगल की प्रवक्ता ने अभी इस पर टिप्पणी नहीं की है.
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