फेसबुक और गूगल के जरिए भड़काऊ चीजें शेयर होना आम बात है. इसके चलते कई राजनीतिक फायदे होते हैं, जिस वजह से ऐसे डेटा को फैलाने वालों को पैसा भी मिल जाता है. ब्रिटेन ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है. अब यूके में चरमपंथ से जुड़ी चीज़ें फैलाने पर फेसबुक और गूगल को टैक्स देना पड़ेगा.
यूके के सिक्योरिटी मिनिस्टर बेन वॉलेस ने कहा कि ये कंपनियां लोगों का डेटा कंपनियों को बेचती हैं मगर सरकार को नहीं देती हैं. इस वजह से सरकार को साम्प्रदायिक तनाव को रोकने में मुश्किलें आती हैं. अगर फेसबुक और गूगल चरमपंथी कंटेंट को रोकने में मदद नहीं करती हैं तो उनपर टैक्स लगाया जाएगा.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए फेसबुक ने बेन वॉलेस को ही गलत ठहराया है. फेसबुक के प्रवक्ता ने कहा कि फेसबुक के लिए सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिक्ता है और फेसबुक ने आतंकी कंटेंट को पहचानने और हटाने में काफी पैसा खर्च किया है. कुछ इसी तरह की प्रतिक्रिया यूट्यूब ने भी दी है.
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