फेक न्यूज़ से दुनिया भर में हिंसा, दंगे, नफरत बहुत कुछ फैल चुका है. अब इसका अगला अवतार आया है. DEEP Fake नाम के एक सॉफ्टवेयर ने दुनिया भर के लोगों को डरा दिया है. Deep fake एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर चलने वाला सॉफ्टवेयर है जिसका इस्तेमाल सबसे ज्यादा पॉर्न इंडस्ट्री करती है. इसमें आप किसी भी व्यक्ति की तस्वीरें डालकर उसे किसी दूसरे वीडियो में मर्ज कर सकते हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन तस्वीरों से एक वर्चुअल इमेज बनाकर वीडियो में दिख रहे शख्स के चेहरे पर लगा देता है. क्योंकि ये काम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए होता है तो इसमें फोटोशॉप की सामान्य मानवीय भूल नहीं होती हैं. इन वीडियो में असली-नकली का फर्क करना ज्यादातर मामलों में संभव नहीं होता.
हॉलीवुड को पीछे छोड़ चुका है डीप फेक
कुछ समय पहले एक फिल्म आई थी, जस्टिस लीग. इस फिल्म में सुपरमैन बने हेनरी सिविल के कुछ सीन दोबारा शूट करने पड़े थे. दोबारा शूटिंग के समय तक हेनरी सिविल अगली फिल्म के लिए मूंछे रख चुके थे. फिल्म के सारे सीन में चेहरे से वीएफएक्स के जरिए मूंछें हटाई गईं. इनके बाद भी फिल्म में सुपर मैन के चेहरे पर मूंछों के अवशेष दिखते रहे.
बाद में किसी ने हेनरी सिविल के सीन से मूछें डीप फेक से हटाईं. इस बार रिज़ल्ट हॉलीवुड के स्पेशल एफेक्ट से बेहतर था. स्पेशल एफेक्ट के लिए करोड़ों डॉलर खर्च हुए. पैसा समय और तमाम दूसरे संसाधनों की जरूरत पड़ी. डीप फेक के लिए 35-40 हजार में आजाने वाले एक आम लैपटॉप और अच्छे इंटरनेट कनेक्शन की.
डीप फेक कितना बड़ा खतरा है इसकी कल्पना से ही सिहरन पैदा हो जाती है. किसी भी व्यक्ति की सोशल मीडिया प्रोफाइल से फोटो लेकर उसके फेक पॉर्न वीडियो बनाए जा सकते हैं. किसी नेता का एमएमएस बनाया जा सकता है. ऐसे भाषण के वीडियो जारी किए जा सकते हैं जो उसने कभी दिए नहीं. अगर यकीन न हो तो डीप फेक पर बात कर रहे ओबामा का ये वीडियो देखिए. ये नकली है. ओबामा ने कभी ऐसा कुछ बोला ही नहीं.
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