आधार जारी करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने सोमवार को कहा कि आधार डेटा पूरी तरह से सुरक्षित है और उनकी ओर से कोई डेटा सार्वजनिक नहीं किया गया है.
यूआईडीएआई ने स्पष्ट किया है कि आधार संख्या कोई गोपनीय संख्या नहीं है और यदि कोई आधार धारक सरकारी कल्याण योजनाओं या अन्य सेवाओं का लाभ लेना चाहता है तो उसे प्राधिकृत एजेंसियों के साथ आधार संख्या साझा करनी होती है.
प्राधिकरण की ओर से यह प्रतिक्रिया उस रिपोर्ट पर आई है, जिसमें कहा गया था कि आरटीआई के जरिए 210 सरकारी वेबसाइटों ने आधार से जुड़ी जानकारियां सार्वजनिक कीं. प्राधिकरण ने कहा कि आधार डेटा पूरी तरह से सुरक्षित है और यूआईडीएआई की तरफ से कोई डेटा सार्वजनिक रूप से प्रकट नहीं किया गया है और न ही किसी तरह का उल्लंघन हुआ है.
यूआईडीएआई ने आधार संबंधी जानकारी बेवसाइट से हटाने को कहा
यूआईडीएआई ने आरटीआई के जवाब में कहा कि ऐसा पाया गया है कि शिक्षण संस्थानों समेत केंद्र, राज्य सरकार के विभागों की करीब 210 वेबसाइटों ने लाभार्थियों की सूची के साथ उनका नाम, पता, अन्य जानकारियां और आधार संख्या सार्वजनिक कर दी थीं.
प्राधिकरण ने कहा कि इस संबंध में फौरन कार्रवाई करते हुए यूआईडीएआई और इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने संबंधित सरकारी विभागों और मंत्रालयों को अपनी वेबसाइटों से इसे तुरंत हटाने और भविष्य में ऐसा होने से रोकने का निर्देश दिया था.
यूआईडीएआई ने कहा कि इन वेबसाइटों पर सार्वजनिक की गई आधार संख्या से लोगों को किसी तरह का खतरा नहीं है क्योंकि बायोमीट्रिक सूचना कभी भी साझा नहीं की जा सकती और यह यूआईडीएआई में सर्वोच्च इंक्रिप्शन के साथ सुरक्षित है. बायोमीट्रिक के बिना जनसांख्यिकी सूचना का दुरुपयोग नहीं किया जा सकता.
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