पांच बार की चैंपियन एमसी मैरी कॉम सहित चार भारतीय मुक्केबाजों ने मंगलवार को नई दिल्ली में चल रही दसवीं एआईबीए महिला विश्व चैम्पियनिशप के सेमीफाइनल में प्रवेश कर कांस्य पदक पक्के किए. लवलीना बोरगोहेन (69 किग्रा), सोनिया (57 किग्रा) और सिमरनजीत कौर (64 किग्रा) ने अंतिम चार में प्रवेश किया. इससे भारत का विश्व चैंपियनशिप में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2006 की मेजबानी में ही रहेगा जिसमें देश ने चार स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य से कुल आठ पदक अपनी झोली में डाले थे.
केडी जाधव हाल में रिंग में उतरीं चार भारतीय मुक्केबाज दुर्भाग्यशाली रहीं. युवा मुक्केबाज मनीषा मौन (54 किग्रा) को 2016 विश्व चैम्पयनिशप की रजत पदक विजेता स्टोयका पैट्रोवा से 1- 4 से, भाग्यवती काचरी (81 किग्रा) को कोलंबिया की जेसिका पीसी सिनिस्टरा से 2 -3 से, तीसरी विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा ले रही पिंकी रानी (51 किग्रा) को जकार्ता एशियाई खेलों की रजत पदकधारी उत्तर कोरियाई चोल मि पांग से 0- 5 से जबकि सीमा पूनिया (81 किग्रा से अधिक) को पिछली दो बार की विश्व चैंपियन चीन की यांग जियोली से 0-5 से पराजय का मुंह देखना पड़ा. 2006 की विश्व चैंपियन एल सरिता देवी और स्वीटी बूरा पहले ही टूर्नामेंट से बाहर हो गई थीं.
लवलीना ने ऑस्ट्रेलियाई मुक्केबाज को किया पस्त
असम की 21 साल की लवलीना ने तेज तर्रार मुक्कों से ऑस्ट्रेलिया की 34 साल की काये फ्रांसेस स्कॉट को 5 – 0 से पस्त किया और अंतिम चार में 22 नवंबर को चीनी ताइपे की चेन निएन चिन के सामने होंगी. पांचों जज ने 30-27 29-28 30-27 30-27 30-27 अंक प्रदान किए. लवलीना के लिए यह शानदार उपलब्धि है, जिन्होंने अपनी पहली विश्व चैंपियनशिप में पदक पक्का कर लिया है. लेकिन वह स्वर्ण पदक से कम पर संतोष नहीं करना चाहतीं. उनके खिलाफ उतरीं ऑस्ट्रेलियाई मुक्केबाज ने ओलिंपिक में पदक जीतने की मुहिम के अंतर्गत दो वजन वर्ग कम किए हैं. वह अस्ताना में 2016 में हुई विश्व चैंपियनशिप में 81 किग्रा में रजत पदक जीत चुकी हैं और वेल्टरवेट में उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में अपने देश में कांस्य पदक जीता था.
सोनिया ने अपना पदक पक्का किया
हरियाणा की सोनिया ने फेदरवेट के अंतिम आठ मुकाबले में कोलंबिया की येनी एम कास्टेनाडा को 4- 1 से हराकर अपना पदक पक्का किया. कोलंबियाई मुक्केबाज की लंबाई थोड़ी कम थी जिससे सोनिया ने दूर से कवर करते हुए पंच जमाए. अब वह फाइनल में प्रवेश करने के लिए 23 नवंबर को उत्तर कोरिया की सोन ह्वा जो से भिड़ेंगी. सोनिया को पांच में चार जज ने 30 -27 जबकि एक से 28- 29 अंक मिले, जिससे नतीजा 4-1 रहा.
पिता को पदक समर्पित करेंगी सिमरनजीत
सिमरनजीत के लिए लाइट वेल्टरवेट का क्वार्टर फाइनल काफी अहम था क्योंकि इससे उनका पदक पक्का होता जिसे वह अपने पिता को समर्पित करना चाहती थीं. जीत के मजबूत जज्बे से रिंग में उतरी सिमरजीत ने आयरलैंड की एमी सारा ब्राडहर्स्ट को 3 -1 से हराकर कांस्य पदक सुनिश्चित किया. अब वह 23 नवंबर को चीन की डान डोऊ के खिलाफ उतरेंगी. सिमरनजीत को पांचों जज से 27-29, 28- 28, 29-27, 30 -26, 29- 27 अंक मिले. बाएं हाथ से मजबूत प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ पहले दौर में भारतीय मुक्केबाज को थोड़ी मुश्किल हुई, लेकिन फिर उन्होंने दिमाग से खेलते हुए पंच लगाए जो अंक जुटाने के लिहाज से सही जगह लगे जिससे वह पदक पक्का कर सकीं.
अनुभवहीनता के कारण हारीं मनीषा
दोपहर के सत्र में दूसरी भारतीय मनीषा रिंग में उतरीं. शीर्ष वरीय के खिलाफ कहीं न कहीं अनुभव की कमी महसूस हुई. मनीषा की यह सीनियर में पहली बड़ी चैंपियनशिप थी, लेकिन उनका मानना है कि यह अनुभव उनके लिए बहुत काम आएगा. बुल्गारिया की मुक्केबाज ने शुरू से मनीषा को दबाव में रखा और कुछ बेहतरीन पंच से उन्हें कोई मौका नहीं दिया. बैंथमवेट मुक्केबाज मनीषा को शुरू से ड्रॉ में कड़े मुकाबले खेलने पडे. उन्होंने पहले दौर में विश्व चैंपियनशिप की कांस्य पदकधारी अमेरिका की अनुभवी क्रिस्टीना क्रूज को, फिर मौजूदा विश्व चैंपियन कजाखस्तान की डिना जोलामैन को मात दी थी, लेकिन आज वह जीत हासिल नहीं कर सकीं.
पिंकी के पास नहीं था उत्तर कोरियाई मुक्केबाज की फुर्ती का जवाब
पिंकी कई बार राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के ट्रायल में अनुभवी मुक्केबाजों को पराजित कर चुकी हैं, लेकिन आज उत्तर कोरियाई मुक्केबाज की फुर्ती के आगे उनकी सूझबूझभरी रणनीति कमतर रह गई. उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से वह लंबी थी, तेज तर्रार थी और फुटवर्क बहुत अच्छा था. लंबी होने के कारण वह लंबी रेंज से खेल रही थीं, वह ज्यादा पकड़ भी रही थीं. मुझे नीचे से पंच लगाने थे, लेकिन उसने मौका नहीं दिया. पर फिर भी मेरे हिसाब से फैसला 3- 2 होना चाहिए था.’
धीमे होने का खामियाजा भुगता भाग्यवती ने
भाग्यवती को पहले राउंड में थोड़ा धीमे रहने का नुकसान हुआ और वह अगले दोनों राउंड में इसकी भरपाई नहीं सकीं. दिन की अंतिम बाउट में सीमा पूनिया रिंग पर उतरी लेकिन दो बार की विश्व चैंपियन यांग जियोली के सामने उन्हें जरा भी मौका नहीं मिला. वहीं फिनलैंड की शीर्ष वरीय और ओलिंपिक की कांस्य पदकधारी मीरा पोटकोनेन को उलटफेर का सामना करना पड़ा. वह थाईलैंड की सुदापोर्न सीसोंदी से 1-4 से हार गईं. इटली की शीर्ष वरीय एलेसिया मेसियानोको भी 57 किग्रा में नेदरलैंड्स की मेमिमा बेट्रियन से 0- 4 से उलटफेर का शिकार हो गईं.
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