हम साल 2017 से पहले के कुछ सालों की टेनिस को देखें तो पुरुष वर्ग में नोवाक जोकोविच और एंडी मरे पूरी तरह से छाए हुए नजर आते थे. टेनिस के महानतम खिलाड़ियों में शुमार होने वाले रोजर फेडरर और राफेल नडाल के बारे में कहा जाने लगा था कि अब इनके दिन लद गए हैं और इनको संन्यास के बारे में सोचना शुरू कर देना चाहिए. लेकिन इस साल फेडरर और नडाल ने जिस तरह दबदबे वाला प्रदर्शन किया, उससे आलोचकों के मुंह बंद हो गए और दोनों की तारीफों के पुल फिर से बांधे जाने लगे.
इस साल फेडरर ने ऑस्ट्रेलियन ओपन और विंबलडन, नडाल ने फ्रेंच ओपन और यूएस ओपन ग्रैंड स्लैम खिताब जीते. इस तरह फेडरर के नाम 19 और नडाल के नाम 16 ग्रैंड स्लैम खिताब दर्ज हैं. जहां तक विश्व रैंकिंग की बात है तो नडाल पहले और फेडरर दूसरे नंबर पर हैं. महिला वर्ग की उम्रदराज खिलाड़ी सेरेना विलियम्स के लिए यह साल बहुत ही सुखदायक रहा. इस साल उन्होंने 23वां खिताब जीतकर रिकॉर्ड बनाया और बेटी की मां बनीं.
रोजर फेडरर ने बिखेरी चमक
रोजर फेडरर के नाम सर्वाधिक ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने का रिकॉर्ड दर्ज है. लेकिन 2012 में विंबलडन खिताब जीतने के बाद से उनकी ग्रैंड स्लैम खिताबों से दूरी बनी हुई थी. वह कई बार करीब पहुंचकर भी अपने ग्रैंड स्लैम खिताबों में इजाफा नहीं कर पा रहे थे. इसलिए उन्होंने साल 2016 में घुटने की सर्जरी कराई और आराम की खातिर रियो ओलिंपिक में भी भाग नहीं लिया.
इस कारण साल 2017 में उनका एक अलग रूप ही देखने को मिला. उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन से खिताब जीतने की शुरुआत की और इसके बाद विबंलडन खिताब भी जीता. इस तरह वह साल में सबसे ज्यादा सात खिताब जीतने वाले खिलाड़ी रहे. फेडरर ने जब ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में नडाल को हराया तो यह उनकी 2007 के विबंलडन फाइनल के बाद नडाल पर ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंटों में पहली जीत थी. इस खिताबी जीत से उनकी टॉप दस में वापसी हुई. उन्होंने साल की समाप्ति दूसरी रैंकिंग से की.
नडाल भी किसी से कम नहीं
राफेल नडाल इस समय दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी हैं. नडाल से भी फेडरर की तरह काफी समय से खिताब से दूरी बनी हुई थी. वह 2014 में फ्रेंच ओपन खिताब के बाद से कोई ग्रैंड स्लैम खिताब नहीं जीते थे. उन्होंने साल की शुरुआत ऑस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में पहुंचकर की पर फेडरर के आगे उनकी दाल नहीं गली. लेकिन फ्रेंच ओपन के रूप में वह तीन सालों में पहला ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने में सफल हो गए. यह उनका दसवां फ्रेंच ओपन खिताब होने से वह यह उपलब्धि पाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं.
वैसे उन्होंने साल की शुरुआत में मोंटे कार्लो मास्टर्स, बार्सिलोना ओपन और मैड्रिड ओपन खिताब जीतकर यह संकेत दे दिया था कि इस साल क्ले सत्र में उनका ही जलवा रहने वाला है और इसे उन्होंने सही साबित भी किया. वह साल के आखिरी ग्रैंड स्लैम टूर्नामेंट को जीतकर नंबर एक खिलाड़ी बने.
जोकोविच और मरे भुलाना चाहेंगे साल
पिछले कुछ सालों के प्रदर्शनों पर हम निगाह डालें तो साफ दिखता है कि जोकोविच और एंडी मरे की जोड़ी ने टेनिस में पूरी तरह से दबदबा बना लिया था. 2016 में नोवाक और एंडी मरे ने चारों ग्रैंड स्लैम खिताब जीत लिए थे. इससे पहले 2015 में जोकोविच ने ऑस्ट्रेलियन ओपन, विबंलडन और यूएस ओपन के रूप में तीन ग्रैंड स्लैम खिताब जीते थे. लेकिन 2017 में चोटों की समस्या के कारण दोनों ही अपना बेस्ट नहीं दे सके और काफी समय कोर्ट के बाहर बिताने को मजबूर भी होना पड़ा. इस वजह से ही नोवाक जोकोविच और एंडी मरे साल आखिर की रैंकिंग में क्रमश: 12वें और 16वें स्थान पर पहुंच गए हैं. पर यह दोनों ही चोट की समस्या से पूरी तरह से उबर चुके हैं, इसलिए अगले साल फिर से चमक बिखेरते नजर आएं तो हैरत नहीं होगी.
सेरेना का यादगार साल
सेरेना विलियम्स को यह साल हमेशा याद रहेगा. वह इस साल स्टेफी ग्राफ के 22 ग्रैंड स्लैम खिताबों के आधुनिक युग के रिकॉर्ड को तोड़ने में कामयाब हो गईं और वह एक बेबी गर्ल ओलंपिया की मां भी बन गईं. सेरेना ने रिकॉर्ड 23वां खिताब अपनी बड़ी बहन वीनस विलियम्स को हराकर ऑस्ट्रेलियन ओपन के रूप में जीता. इस खिताब जीतने के दौरान ही यह खुलासा हुआ कि वह इसमें खेलने के दौरान प्रेगनेंट थीं. बाद में वह जब मां बनीं तो एक बारगी लगा कि सेरेना का सफर यहीं थम सकता है. लेकिन अब सेरेना कह रहीं हैं कि वह वापसी करने को पूरी तरह से तैयार हैं.
हो सकता है कि वह वापसी के समय अपने बेस्ट नहीं दे सकें. पर इतना तय है कि उनमें टेनिस अभी भी बाकी है और वह मार्गरेट कोर्ट के 24 खिताबों के रिकॉर्ड को भी तोड़ने का माद्दा रखती हैं. सेरेना की बड़ी बहन वीनस विलियम्स ने भी साल 2017 में अच्छा खेलकर आने वाले दिनों के लिए उम्मीद बंधाई है. वहीं डोप में पकड़े जाने के बाद मारिया शारापोवा सजा भुगतकर लौट आई हैं.
भारतीयों का हल्का प्रदर्शन
भारतीय खिलाड़ियों की बात करते हैं तो सबसे पहला नाम सामने आता है सानिया मिर्जा का. असल में उन्होंने मार्टिना हिंगिस के साथ जोड़ी बनाकर 2015 में 11 खिताब जीतकर सभी को चौंका दिया था. 2016 में भी जोड़ी टूटने के बाद भी कुछ सफलताएं मिलीं. लेकिन 2017 में वह कुछ खास नहीं कर सकीं. इस साल उनका कुछ समय चोटों की वजह से भी बर्बाद हुआ. पर सानिया को करियर फिर से पटरी पर लौटने का भरोसा है. वहीं, रोहन बोपन्ना ने जीवन नेंदुचेझियन के साथ मिलकर चेन्नई ओपन का खिताब जीतने से शुरुआत की. बोपन्ना विभिन्न जोड़ीदारों के साथ साल में चार खिताब जीतने में सफल रहे.
साल की यंग ब्रिगेड
हम साल में जलवा बिखेरने वाले युवा खिलाड़ियों की बात करें तो सबसे पहले अलेक्जेंडर ज्वेरेव, डोमिनिक थीम और कैरोलिना प्लिसकोवा के नाम आते हैं. यह तीनों ही साल में दिग्गजों को हराने का स्वाद चख चुके हैं. प्लिसकोवा तो बिना कोई ग्रैंड स्लैम खिताब जीते दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी बन गई हैं. ज्वेरेव छठी और थीम आठवीं रैंकिंग पर पहुंच चुके हैं. यह सभी आने वाले समय के सुपर स्टार हैं.
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