खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलिंपिक संघ (आईओए) को निलंबित कर दिया है. सुरेश कलमाडी और अभय चौटाला को आजीवन अध्यक्ष बनाए जाने पर मंत्रालय ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था. शुक्रवार को उन्होंने निलंबन का फैसला लिया.
इस निलंबन के बाद अब आईओए को सरकार की तरफ से मिल रही सुविधाएं नहीं मिलेंगे, जिसमें आर्थिक मदद भी शामिल है. मंत्रालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक आईओए तब तक निलंबित रहेगा, जब तक वो अपना फैसला नहीं बदलता.
दिलचस्प है कि सुरेश कलमाडी ने आजीवन अध्यक्ष पद स्वीकार न करने का फैसला किया था. ऐसे में अब सब कुछ अभय चौटाला के होने या न होने पर निर्भर है. चौटाला पहले ही कह चुके हैं कि वो इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी यानी आईओसी से पूछेंगे. अगर वहां से उनकी नियुक्ति पर आपत्ति होती है, तभी पद छोड़ेंगे.
खेल मंत्रालय ने कहा है कि आईओए को शुक्रवार शाम पांच बजे तक जवाब देना था. आईओए ने अपने जवाब में 15 जनवरी तक का समय जवाब देने के लिए मांगा है. मंत्रालय के मुताबिक, ‘आईओए ने कहा है कि अध्यक्ष देश से बाहर हैं. उनसे सलाह की जरूरत है, इसलिए वक्त चाहिए.’
मंत्रालय के मुताबिक, ‘सरकार इस जवाब से संतुष्ट नहीं हैं. हमें ऐसा लगता है कि उन्होंने सिर्फ और समय के लिए इस तरह का जवाब दिया है.’ मंत्रालय ने इसे गुड गवर्नेंस के नॉर्म्स का उल्लंघन माना है. उन्होंने कहा है कि लोगों की भावनाओं और देश की गरिमा का सवाल है.
इससे पहले आईओए के वरिष्ठ पदाधिकारी नरिंदर बत्रा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. बत्रा आईओए में एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट थे. उन्होंने भी कलमाडी और चौटाला को चुने जाने के विरोध में इस्तीफा दिया है.
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