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राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप : अमित धनखड़ ने जीता अपना सातवां राष्ट्रीय खिताब

धनखड़ ने कहा कि उन्हें लगता है कि वह सुशील की जगह लेने को तैयार हैं. वह ऐसे वर्ग में चुनौती पेश कर रहे हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार का दबदबा रहा है

Updated On: Dec 02, 2018 10:44 PM IST

FP Staff

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राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप : अमित धनखड़ ने जीता अपना सातवां राष्ट्रीय खिताब

अमित धनखड़ (74 किग्रा) और मौसम खत्री (97 किग्रा) ने रविवार को गोंडा में शानदार प्रदर्शन करते हुए सीनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप में अपने-अपने भागवर्ग में खिताबी जीत दर्ज की. पूर्व एशियाई और राष्ट्रमंडल खेल चैंपियन धनखड़ ने इस भार वर्ग में बजरंग पूनिया और सुशील कुमार जैसे दिग्गजों की गैरमौजूदगी का फायदा उठाते हुए एसएससीबी के विनोद को 5-1 से हराते हुए पुरुषों की फ्रीस्टाइल कुश्ती में अपना सातवां राष्ट्रीय खिताब जीता.

31 साल के हरियाणा के पहलवान धनकड़ ने चैंपियन बनने के बाद कहा, 'मुझे अपने डिफेंस पर भरोसा है. मैं फाइनल में बहुत अच्छा डिफेंस नहीं कर सका. मैं हालांकि अपनी जीत और टूर्नामेंट में अपने प्रदर्शन से खुश हूं.' ओलिंपिक पदक विजेता योगेश्वर दत्त की मौजूदगी के कारण धनखड़ का अंतरराष्ट्रीय करियर कभी पटरी पर नहीं आ सका जबकि अब भी वह ऐसे वर्ग में चुनौती पेश कर रहे हैं जिसमें ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार का दबदबा रहा है. सुशील ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया. धनखड़ ने कहा कि उन्हें लगता है कि वह सुशील की जगह लेने को तैयार हैं.

दिन का सबसे रोमांचक मुकाबला 97 किग्रा वर्ग में हुआ, जिसके फाइनल में मौसम ने सत्यव्रत काद्यान को हराकर सोना जीता. मौसम के लिए यह हाल के दिनों के सबसे कठिन मुकाबलों में से एक था. बहरहाल, राष्ट्रीय चैंपियनशिप में रेलवे का बोलबाला रहा. रेलवे ने 163 अंकों के साथ टीम खिताब जीता, जबकि एसएससीबी ने 113 अंकों के साथ दूसरा और हरियाणा ने 98 अंकों के साथ तीसरा स्थान पाया.

86 किलोग्राम वर्ग में युवा पहलवान दीपक पूनिया से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन वह सेमीफाइनल में हार गए. सेमीफाइनल में उनका सामना रेलवे के प्रवीन से हुआ था. प्रवीन ने इस युवा प्रतिभा को 38 सेकेंड में हरा दिया. बाद में प्रवीन ने फाइनल में पवन कुमार को 5-2 से हराते हुए इस भार वर्ग का सोना जीता. प्रवीण ने अपनी लंबाई का पूरा फायदा उठाया. पवन ने दूसरे पीरियड में वापसी की कोशिश की, लेकिन विरोधी को जीत दर्ज करने से नहीं रोक पाए. पूनिया ने इसके बाद प्ले ऑफ में हितेश पर 11-0 की एकतरफा जीत के साथ कांस्य पदक जीता. उन्नीस साल के पूनिया ने कहा कि टोक्यो ओलिंपिक क्वालीफिकेशन की दावेदारी पेश करने के लिए उनकी नजरें विश्व चैंपियनशिप में जगह बनाने पर टिकी हैं.

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