क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को संसद में कम उपस्थिति के लिए कई बार भले ही आलोचना झेलनी पड़ी हो, लेकिन समाज के लिए कुछ करने की उनकी इच्छा पर इसका रत्ती पर भी फर्क नहीं पड़ा. सचिन तेंदुलकर ने राज्यसभा सांसद के रूप में अपना पूरा वेतन और भत्ते प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर दिए. उनका कार्यकाल हाल में समाप्त हुआ था. पिछले छह वर्षों में तेंदुलकर को वेतन के रूप में लगभग 90 लाख रुपए और अन्य मासिक भत्ते मिले थे.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी आभार पत्र जारी किया है जिसमें लिखा गया है, ‘प्रधानमंत्री ने इस सहृदयता के लिए आभार व्यक्त किया है. यह योगदान संकटग्रस्त लोगों को सहायता पहुंचाने में बहुत मददगार होगा.’
तेंदुलकर ने हालांकि सांसद निधि का अच्छा उपयोग किया था. उनके कार्यालय से जारी आंकड़ों के अनुसार उन्होंने देश भर में 185 परियोजनाओं को मंजूरी देने तथा उन्हें आवंटित 30 करोड़ रुपए में से 7.4 करोड़ रुपए शिक्षा और ढांचागत विकास में खर्च करने का दावा किया है. सांसद आदर्श ग्राम योजना कार्यक्रम के तहत तेंदुलकर ने दो गांवों को भी गोद लिया, जिनमें आंध्र प्रदेश का पुत्तम राजू केंद्रिगा और महाराष्ट्र का दोंजा गांव शामिल हैं.
सचिन तेंदुलकर ने पिछले हफ्ते मुंबई के गुरु गोविंद सिंह तेग बहादुर हाई स्कूल में क्लास रूम के निर्माण और उनके नवीनीकरण के लिए फंड स्वीकृत किया था. उसके बाद उन्होंने सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास (एमपीलैड) कोष से जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के स्कूल की इमारत के निर्माण के लिए 40 लाख रुपए दिए. इस क्षेत्र के इकलौते स्कूल इंपीरियल एजुकेशनल इंस्टीट्यूट दुर्गमुल्ला का निर्माण 2007 में हुआ था. इसमें कक्षा एक से 10 तक लगभग 1000 छात्र पढ़ते हैं.
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