साल 2017 अब बीतने वाला है. इस साल खेलों में कई बड़े कारनामे हुए, वहीं कुछ ऐसे ना भूलने वाले विवाद भी हुए काफी वक्त तक खबरों में बने रहे. हम आपको बताते हैं खेलों की दुनिया के इस साल के कुछ ऐसे विवाद जिन्होंने खूब सुर्खियां बटोरीं.
सुप्रीम कोर्ट ने किया अनुराग ठाकुर को क्लीन बोल्ड
खेलों के विवाद के लिहाज से साल 2017 का आगाज बेहद धमाकेदार अंदाज में हुआ. साल के दूसरे ही दिन यानी दो जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने दुनिया के सबसे रईस क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई के मुखिया और सांसद अनुराग ठाकुर को उनके पद से हटा दिया.
ठाकुर के साथ-साथ बोर्ड के सेक्रेटरी अजय शिर्के की भी कुर्सी चली गई. बोर्ड में सुधारों के लिए बनाई गई लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू कराने के लिए पूर्व सीएजी विनोद राय की अगुआई में सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासकों की चार सदस्यीय समिति का गठन किया. यह समिति साल भर बीसीसीआई से उलझती रही, लेकिन अब तक उन सिफारिशों को लागू नहीं करा सकी है. बाद में इस समिति में भी मतभेद पैदा हुए और इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने इस्तीफा दे दिया. बैंकर विक्रम लिमये के भी इस्तीफा देने के बाद अब इस समिति में विनोद राय के साथ पूर्व महिला क्रिकेटर डायना एडुलजी ही बची हैं.
जब कप्तान ने छीनी कोच की कुर्सी
एक साल पहले यानी 2016 में ही भारत के महान स्पिनर अनिल कुंबले को टीम इंडिया का कोच नियुक्त किया गया था. कुंबले ने रवि शास्त्री को मात देकर यह कुर्सी हासिल की थी. कुंबले का साथ पाकर टीम इंडिया ने कामयाबी की नई सीढ़ियां चढ़ना शुरू कर दिया था. इस साल की शुरुआत में ही विराट कोहली को भारत के तीनों फॉर्मेट्स का कप्तान नियुक्त किया गया. और फिर सुपर स्टार कोच और सुपर स्टार कप्तान के बीच अहम का ऐसा टकराव शुरू हुआ जिसने भारतीय क्रिकेट जगत को पूरी तरह से हिला कर रख दिया.
जून में जब भारतीय़ टीम इंग्लैंड में चौंपियंस ट्रॉफी खेलने पहुंची तो खबर आई कि बीसीसाई ने नए कोच के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है. हालांकि बोर्ड की ओर से इसे औपचारिक प्रक्रिया बताते हुए इस विवाद पर पर्दा डालने की कोशिश की गई, लेकिन बात बढ़ती चली गई. टीम इंडिया के ड्रेसिंग रूम से रिस-रिस कर खबरें बाहर आने लगीं जो बताती थीं कि कोच और कप्तान के बीच बातचीत तक बंद है. इतने बड़े टूर्नामेंट के दौरान इस तरह की खबरों ने भारतीय फैंस को चौंका दिया. विराट कोहली कुंबले के ‘हेड मास्टर’ जैसे व्यवहार से नाराज थे. बोर्ड की ओर से सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण की क्रिकेट एडवायडरी कमेटी यानी सीएसी को दोनों के बीच समझौता कराने का जिम्मा सौंपा, लेकिन बात इतनी बिगड़ चुकी थी कि फिर बन ना सकी. कोहली का आरोप था कि कुंबले, ड्रेसिंग रूम की बातें मीडिया में लीक कर रहे हैं.
खबरें आईं कि कोहली ने कुंबले की मौजूदगी में कप्तानी करने से साफ इनकार कर दिया. वहीं कुंबले भी पीछे हटने को तैयार नहीं थे. नतीजतन कुंबले को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी. यह विवाद इतना ज्यादा नाटकीय हो गया कि चैंपियंस ट्रॉफी के बाद जब टीम इंडिया इंग्लैंड से वेस्टइंडीज के लिए रवाना हुई तब बस में बैठने तक खिलाड़ियों को यह नहीं पता था कि कोच कुंबले उनके साथ आएंगे या नहीं.
Thank you! pic.twitter.com/eF5qVzdBRj
— Anil Kumble (@anilkumble1074) June 20, 2017
कोच पद छोड़ने के बाद विवाद नहीं थमा. कुंबले ने इसके बाद सोशल मीडिया पर एक थैंक्यू नोट जारी करके विराट कोहली पर जोरदार निशाना साधा. वहीं कोहली ने भी साल 2016 में कुंबले को कोच बनाए जाने पर उनका स्वागत करने वाली अपने ट्वीट को डिलीट करके पलटवार किया.
कोच और कप्तान के बीच का विवाद उस वक्त और अधिक बढ़ गया जब नया कोच चुनने बैठी सीएसी ने रवि शास्त्री को हेड कोच बनाए जाने के साथ-साथ जहीर खान को गेंदबाजी कोच और राहुल द्रविड़ को बल्लेबाजी कोच के तौर पर चुन लिया. हालांकि सीएसी के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट की बनाई प्रशासकों की समिति यानी सीओए ने पलट दिया और रवि शास्त्री अपने पसंदीदा सपोर्ट स्टाफ के साथ टीम इंडिया के हेड कोच बन गए.
'गैस चैम्बर' में खेली श्रीलंका की टीम
इस साल के अंत में भारतीय खेलों में एक बड़ा विवाद जुड़ा. श्रीलंका की टीम के भारत दौरे के तीसरे टेस्ट में दिल्ली के वायु प्रदूषण ने बड़ा विवाद पैदा किया. दिल्ली की जहरीली हवा से परेशान श्रीलंकाई खिलाड़ी मास्क पहन कर फील्डिंग करते दिखाई दिए. थोड़ी देर बाद लंकाई गेंदबाज लकमल को उल्टियां भी होने लगीं. श्रीलंका की टीम खेल को रुकवाना चाहती थी, जबकि भारतीय कप्तान विराट कोहली उस वक्त अच्छी लय में बल्लेबाजी करते हुए दोहरा शतक लगा चुके थे.
श्रीलंकाई खिलाड़ियों की शिकायत पर कुछ देर तो खेल रुका, लेकिन मैच रेफरी डेविड बून ने खेल को जारी रखने का फैसला किया. थोड़ी ही देर बाद विराट कोहली आउट हो गए. दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप के दौर चले. भारतीय कैंप ने आरोप लगाया कि लंकाई खिलाड़ी भारतीय बल्लेबाजों का ध्यान भटकाना चाहते थे. जबकि दूसरी ओर श्रीलंका के समर्थन में भी आवाजें उठीं.
स्टीव स्मिथ के दिमाग ने काम करना किया बंद!
क्रिकेट की दुनिया में भारत पाकिस्तान के अलावा अब भारत-ऑस्ट्रेलिया की राइवलरी भी नए मुकाम हासिल कर रही है. ऑस्ट्रेलिया के भारत दौरे पर एक ऐसी घटना हुई जिसने तगड़ा विवाद पैदा कर दिया. बेंगलुरु में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन उमेश यादव की गेंद कंगारू कप्तान स्टीव स्मिथ के पैड पर लगी. अंपायर ने स्मिथ को पगबाधा आउट करार दे दिया. स्मिथ इस फैसले के खिलाफ रिव्यू लेने या ना लेने की असमंजस में थे. स्मिथ ने अपने ड्रेसिंग रूम की ओर देखना शुरू कर दिया जो कैमरे पर कैद हो गया. इस बात अच्छा-खासा विवाद हुआ. स्मिथ ने सफाई दी उनका ‘ब्रेन-फेड’ हो गया था यानी कुछ पलों के लिए दिमाग काम ही नहीं कर रहा था. इस घटना के बाद दोनों टीमों के बीच तनाव इस कदर बढ़ गया कि भारतीय कप्तान विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को 'बेईमान' तक कह दिया.
DRS - Dressing room review system? Smith tries to get some suggestions from the dressing room for a review https://t.co/2V488WaKEp #INDvAUS
— BCCI (@BCCI) March 7, 2017
नए मुकाम पर पहुंची पेस- भूपति की जंग
भारतीय टेनिस के इन दो सितारों के बीच की लड़ाई कोई नया मसला नहीं है. कई साल एक साथ मिलकर टेनिस की दुनिया में राज करने वाले इन दोनों खिलाड़ियों के बीच इस साल एक और जंग लड़ी गई. भूपति को भारत की डेविस कप टीम का गैरखिलाड़ी कप्तान बनाया गया. भूपति ने लिएंडर पेस को उज्बेकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में टीम से ड्रॉप करके रोहन बोपन्ना को शामिल कर लिया. 27 साल में यह पहली बार हुआ था जब पेस को डेविस कप की टीम में जगह नहीं मिली. पेस ने इसके लिए भूपति के साथ अपनी निजी रंजिश को जिम्मेदार ठहराया तो वहीं भूपति ने अपना पक्ष रखने के लिए पेस के साथ व्हाट्सएप पर हुए अपने संवाद को सोशल मीडिया पर सार्वजनिक कर दिया. दोनों के बीच की जंग से एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया.
सुशील कुमार की विवादास्पद वापसी
पिछले साल रियो ओलिंपिक में भागीदारी को लेकर जोरदार विवाद में फंसे रेसलर सुशील कुमार इस बार भी विवाद में रहे. इस बार का विवाद उनकी वापसी से खड़ा हुआ. दो बार के ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील ने इस साल नेशनल चैंपियनशिप में वापसी की तो वही आखिरी तीन बाउट लड़े बिना ही चैंपियन बन गए. तीन साल बाद कुश्ती में वापसी कर रहे सुशील ने बस शुरुआती दो बाउट ही लड़ीं. उसके बाद क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल और फाइनल में उनके विरोधी पहलवानों ने उनके चरण स्पर्श करके उन्हें वॉक-ओवर दे दिया. महज दो मिनट 33 सेकेंड की बाउट लड़कर सुशील नेशनल चैंपियन बन गए. सुशील की ऐसी वापसी की काफी आलोचना भी हुई, लेकिन ना तो खेल मंत्रालय और ना ही रेसलिंग फेडरेशन ने इसमें कोई दखल दिया.
हॉकी कोच की असमय विदाई
भारतीय हॉकी की दुनिया में उस वक्त विवाद पैदा हो गया जब हॉकी इंडिया ने टीम के हेड कोच रोलंट ऑल्टमंस को बर्खास्त कर दिया. हॉकी इंडिया का तर्क था कि ऑल्टमंस भारत को अच्छे नतीजे नहीं दे पा रहे हैं और उनके पास अब टीम को सिखाने के लिए नया कुछ भी नहीं है. हॉकी इंडिया इंडिया के इस फैसले पर सवाल इसलिए उठे कि अगर ऑल्टमंस को हटाना ही था तो फिर रियो ओलिंपिक के बाद इतना इंतजार क्यों किया गया. खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने भी इस मसले पर अपनी नाराजगी जताई. इसके बाद भारतीय महिला टीम के कोच शोर्ड मारिन्ये को पुरुष टीम की कमान सौंपी गई और महिला टीम को जूनियर टीम के कोच हरेंद्र सिंह के हवाले किया गया.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.