दो सेमीफाइनल जमीन और आसमान जैसे हों, ऐसा आमतौर पर होता नहीं है. भुवनेश्वर के कलिंग स्टेडियम में हुआ. पहला सेमीफाइनल एकतरफा और दूसरा, जिसमें एक्शन, थ्रिल, सस्पेंस सब कुछ था. टूर्नामेंट में अब तक शानदार खेल दिखा रही ऑस्ट्रेलिया को पेनल्टी शूट आउट में हार का सामना करना पड़ा. नेदरलैंड्स के खिलाफ निर्धारित समय तक 2-2 से बराबरी के बाद ऑस्ट्रेलिया को मात खानी पड़ी. नेदरलैंड्स ने शूटआउट में 4-3 से जीत दर्ज की. यहां भी निर्धारित पांच स्ट्रोक्स के बाद स्कोर बराबर था. इसके बाद सडेन डेथ में नेदरलैंड्स के जेरोन हर्ट्जबर्गर गोल करने में कामयाब हुए, जबकि ऑस्ट्रेलिया के डेनियल बील की कोशिश को गोलकीपर पिर्मिन ब्लाक ने नाकाम कर दिया. इसके साथ ही नेदरलैंड्स रविवार को होने वाले फाइनल में पहुंच गई, जहां उसका मुकाबला बेल्जियम से होगा. बेल्जियम ने एकतरफा मुकाबले में इंग्लैंड को 6-0 से शिकस्त दी.
ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी मिनट में किया गोल
जिन लोगों को लगता है कि अंतिम क्षणों में गोल खाना सिर्फ भारत की आदत है, उन्हें ऑस्ट्रेलिया और नेदरलैंड्स के बीच मैच जरूर देखना चाहिए. नेदरलैंड्स की टीम आखिरी मिनट में 2-1 से बढ़त पर थी. 26 सेकेंड बाकी रहते एडी ओकेंडेन की कोशिश पर गोल हुआ. इसमें नेदरलैंड्स के डिफेंडर रॉबर्ट केंपरमैन का हाथ रहा, जिनकी स्टिक से डिफ्लेक्ट होकर गेंद गोल में गई और स्कोर बराबर हो गया.
मैच की शुरुआत ऑस्ट्रेलिया ने तेज-तर्रार तरीके से की. ठीक वैसे ही, जैसे क्वार्टर फाइनल में नेदरलैंड्स के खिलाफ भारत ने शुरुआत की थी. लेकिन चौथे-पांचवें मिनट से ही नेदरलैंड्स ने वापसी की. उसके बाद ऐसा लग रहा था कि ऑस्ट्रेलिया काफी समय तक मैच में है ही नहीं.
नौवें मिनट में ग्लेन शूर्मन ने नेदरलैंड्स को बढ़त दिलाई. इसे दूसरे क्वार्टर में सीव वान आस ने डबल कर दिया. तीसरा क्वार्टर खत्म होने तक ऐसा लग रहा था कि स्कोरलाइन 2-0 ही होगी, लेकिन टिम हावर्ड ने अंतर कम कर दिया. इसके बाद आखिरी चंद सेकेंड रहते स्कोर लाइन बराबर हुई.
शूट आउट में नेदरलैंड्स के लिए जेरोम हर्टजबर्गर ने दो, सीव वान आस और थिस वान डैन ने गोल किए. मिर्को प्रूजर और रॉबर्ट केंपरमैन गोल करने में नाकाम रहे. ऑट्रेलिया के लिए डेनियल बील, टॉम क्रेग, जेक व्हेटन ने गोल किए. एरन जेल्यूस्की, टिम ब्रैंड और डेनियल बील नाकाम रहे.
इंग्लैंड पर बेल्जियम की आसान जीत
दिन के पहले सेमीफाइनल में इंग्लैंड को उस अंतर से हारना पड़ा, जो विंबलडन टेनिस में पहले या दूसरे राउंड में टॉप सीडेड खिलाड़ी के लिए सेट का स्कोर हो सकता था. इंग्लैंड के कट्टर आलोचक और बेल्जियम के कट्टर समर्थक ने भी नहीं सोचा होगा कि स्कोरलाइन 0-6 होगी. टूर्नामेंट में प्रभावशाली प्रदर्शन करने वाली इंग्लैंड के लिए बेल्जियम की टीम बहुत भारी पड़ी. पिछले दो वर्ल्ड कप में इंग्लैंड टीम अंतिम चार तक पहुंच और हार चुकी है. शायद उसके दिमाग में वही चल रहा था.
बेल्जियम के लिए पहला गोल फ्लोरेंट वान ऑबेल के क्रॉस पर हुआ, जिसे टॉम बून ने डिफ्लेक्ट करके स्कोरलाइन 0-0 से 1-0 कर दी. मैच का यह महज आठवां मिनट था. पहला क्वार्टर इसी स्कोर पर निकल गया. दूसरे क्वार्टर में भी सिर्फ एक गोल हुआ. साइमन गॉगनार्ड ने 19वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील किया. हाफ टाइम तक स्कोर 2-0 था.
सेमीफाइनल जैसे अहम मैच में दो गोल की बढ़त भी अच्छी होती है. हालांकि इसे सेफ नहीं कहा जा सकता. 42वें मिनट में सेड्रिक चार्लियर ने गोल किया और तीसरे क्वार्टर के अंतिम क्षणों में मिले पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर एलेक्जेंडर हेंड्रिक्स ने यह तय कर दिया कि अब बेल्जियम ही फाइनल खेलेगी. इंग्लैंड को कुछ मौके मिले, लेकिन वे इसे गोल में तब्दील नहीं कर पाए.
एलेक्जेंडर हेंड्रिक्स ने 50वें मिनट में एक और पेनल्टी कॉर्नर पर गोल किया. उसके बाद टेनिस के सेट जैसी स्कोरलाइन बनाने का काम 53वें मिनट में सेबेस्टियन डोकिएर ने करके स्कोर लाइन 6-0 कर दी. इंग्लैंड के लिए अब ब्रॉन्ज मेडल जीतने का मौका है, जिसके लिए उसे रविवार का मैच जीतना होगा. रविवार को तीसरे स्थान के लिए उसका मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से होगा.
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