भारतीय डेविस कप टीम को बुधवार को हुए ड्रॉ के अनुसार पाकिस्तान से उसकी सरजमीं पर भिड़ना होगा लेकिन किसी भी खेल की टीम को पड़ोसी देश की यात्रा करने की अनुमति नहीं देने की केंद्र सरकार की नीति पर अडिग रहने के कारण इस मुकाबले को तटस्थ स्थल पर आयोजित किया जा सकता है.
मार्च 1964 के बाद से किसी भी भारतीय डेविस कप टीम ने पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है और लाहौर में हुए उस मुकाबले में भारत 4-0 से जीता था. अगर यह मुकाबला तटस्थ स्थल पर कराया जाता है तो इसके लिए आईटीएफ की सहमति चाहिए. हालांकि विश्व संस्था शायद इससे सहमत नहीं हो क्योंकि पाकिस्तान ने पिछले साल उज्बेकिस्तान और कोरिया की मेजबानी की थी. इस हालत में जब पाकिस्तान से बाहर खेलने के लिए स्थल पर सहमति नहीं होती है और भारत सरकार पाकिस्तान में खेलने की अनुमति देने से इनकार कर देती है तो देश को 1971 की तरह इस मुकाबले को बिना खेले गंवा देना होगा.
इस साल सितंबर में होने वाले मुकाबले का ड्रॉ लंदन में हुआ. इसकी विजेता टीम विश्व ग्रुप क्वालिफायर में पहुंच जाएगी. सरकार ने भारतीय क्रिकेट टीम को किसी भी द्विपक्षीय मुकाबले के लिये पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं दी है. पीसीबी ने आईसीसी पंचाट के समक्ष इस संबंध में मुआवजा मामला भी दायर किया लेकिन अंत में बीसीसीआई से हार गया.
अखिल भारतीय टेनिस संघ (एआईटीए) ने कहा कि वह यह जानने के लिए सरकार से बातचीत करेंगे कि टीम को यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी या नहीं. एआईटीए के महासचिव हिरण्यमय चटर्जी ने से कहा, ‘एआईटीए के पास विकल्प नहीं है. हमें सरकार की नीति का अनुकरण करना होगा. हम इसके बारे में जानने के लिए सरकार से बात करेंगे. सरकार ने किसी भी खेल की टीम को पाकिस्तान की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी है.’
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