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संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.
अगले कॉमनवेल्थ गेम्स से शूटिंग का बाहर जाना लगभग तय है और ऐसे में खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने 2022 में बर्मिंघम में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में शूटिंग को शामिल रखने के लिए अपनी तरफ से पहल की है. राठौड़ ने ब्रिटिश खेल मंत्री और कॉमनवेल्थ गेम्स महासंघ के अध्यक्ष से हस्तक्षेप करके यह सुनिश्चित करने की अपील की, जिससे यह खेल 2022 के खेलों में बना रहे. कॉमनवेल्थ ने इन खेलों में शूटिंग को बनाए रखने या हटाने की जिम्मेदारी मेजबान देश पर छोड़ रखी है और इस मामले में यह देश इंग्लैंड है शूटिंग को वैकल्पिक खेल के रूप में रखा गया है.
राठौड़ ने न केवल सीजीए अध्यक्ष लुईस मार्टिन को पत्र लिखा है बल्कि उन्होंने ब्रिटिश सांसद तथा डिजिटल, संस्कृति, मीडिया और खेल मंत्री मैट हेनकॉक से भी हस्तक्षेप करने की अपील की है. राठौड़ खुद ओलंपिक पदक विजेता निशानेबाज हैं. उनका कहना है कि कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 से शूटिंग को हटाने से भारतीय और अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 से खेल को हटाना इन देशों के खिलाड़ियों और खेल प्रेमी जनता के लिये करारा झटका होगा जो कॉमनवेल्थ और ओलंपिक खेलों में इस खेल को देखकर लुत्फ उठाते रहे हैं.
राठौड़ ने कहा इसलिए मैं आपसे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 बर्मिंघम में शूटिंग को एक खेल के रूप में मौजूदगी के लिए हस्तक्षेप करने का आग्रह करता हूं. बर्मिंघम ने शूटिंग के आयोजन के लिए सुविधाएं जुटाने में असमर्थता जताई है.
राठौड़ ने अपने पत्र में लिखा है कि किस तरह से भारत में खेलों की लोकप्रियता लगातार बढ़ी है और देश भर में शूटिंग के प्रशिक्षण और प्रतियोगिता स्थलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि विश्व स्तर पर भारतीय निशानेबाजों की हाल की सफलता को देखते हुए बड़े स्तर पर युवा निशानेबाजी को प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में अपना रहे हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं. मुझे पूरा विश्वास है कि कई अन्य देशों में ऐसी ही स्थिति होगी. राठौड़ ने लिखा है कि अगर खेलों से शूटिंग को हटाया जाता है , तो यह भारत के लिए करारा झटका होगा जो कि इस खेल में लगातार अच्छा प्रदर्शन करता रहा है.