मौजूदा पुरुष सिंगल चैंपियन पारूपल्ली कश्यप का मानना है कि भारतीय बैडमिंटन टीम इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स में हर वर्ग में पदक जीतकर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकती है.
चार साल पहले कश्यप ने 32 साल पुराना रिकार्ड तोड़ते हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में पुरुष सिंग्लस स्पर्धा का गोल्ड मेडल जीता था. उनसे पहले प्रकाश पादुकोण( 1978 ) और सैयद मोदी( 1982 ) ने यह कारनामा किया था.
भारत ने ग्लासगो में एक गोल्ड, एक सिल्वर और दो बॉन्ज मेडल जीते थे.
इसके बाद फिटनेस समस्याओं से जूझते हुए कश्यप की रैंकिंग गिरी और वह गोल्डकोस्ट खेलों में जगह नहीं बना सके.
दुनिया के पूर्व छठे नंबर के खिलाड़ी कश्यप ने कहा,‘मैं फिर खेलना चाहता था लेकिन मैं भी चयनकर्ता होता तो खुद को टीम में नहीं रखता. प्रणॉय और श्रीकांत बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा,‘हमारे पास अच्छी टीम है और अपनी क्षमता के अनुरूप खेल सके तो सभी पांच वर्गों में मेडल जीत सकते हैं . चार मेडल तो पक्के हैं.’
कश्यप ने कहा, ‘हमें इस बार शीर्ष वरीयता मिली है. अब देखना यह है कि हम सेमीफाइनल में किससे खेलते हैं. इंग्लैंड के पास पुरुषों की और मिक्स्ड डबल्स में अच्छी टीम है लेकिन एच एस प्रणॉय और के श्रीकांत राजीव ओसेफ को हरा सकते हैं.’
ग्लासगो खेलों से बाहर रही सायना नेहवाल और ओलंपिक सिंल्वर मेडल विजेता पी वी सिंधू महिला एकल में गोल्ड की दावेदार है. कश्यप ने कहा कि फाइनल दोनों के बीच होना चाहिए.
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