ऑस्ट्रेलियन ओपन में खिलाड़ियों के लिए हमेशा से ही विरोधियों के अलावा सबसे बड़ी मुश्किल होती है गर्मी. जनवरी के समय ऑस्ट्रेलिया में भीषण गर्मी होती है जिसका खिलाड़ियों पर काफी असर होता है. हालंकि इस साल ऑस्ट्रेलियन ओपन ने नियमों में बदलाव करके खिलाड़ियों को राहत देने की कोशिश की है.
क्या है नया नियम
मैच के दौरान गर्मी का दबाव जानने के लिए हीट स्ट्रेस स्केल लगाई जाएगी. इसकी रीडिंग के हिसाब से तय किया जाएगा कि खिलाड़ियों को ब्रेक देना है या नहीं. इसमें कई तरह के उपकरण होंगे जो मौसम, गर्मी दबाव के हिसाब से मैच का ब्रेक तय करेंगे. यह स्केल किसी एथलीट द्वारा दबाव सहने की अधिकतम क्षमता और तापमान पर काम करेगी. इस स्केल में एक से पांच की रीडिंग होगी. जब स्केल पर एक रीडिंग होगी तो मैच आम तरह खेला जाएगा.
जब स्केल पर रीडिंग चार होगी तब मैच में ब्रेक दिया जाएगा. चार रीडिंग आने पर महिला सिंगल्स के मुकाबले में दो सेट के बीच में दस मिनट का ब्रेक दिया जाएगा. वहीं पुरुष सिंगल्स में चार रीडिंग आने पर तीसरे सेट के बाद ब्रेक दिया जाएगा. स्केल पर पांच आने के बाद खेल रोक दिया जाएगा और कोर्ट की छतें बंद कर दी जाएगी. पुराने नियमों के मुताबकि ऐसा तब होता था जब तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच जाता था.
जोकोविच ने की थी शिकायत
बीते साल खिलाड़ियों को गर्मी से काफी तकलीफ हुई थी. फ्रांस के गेल मोनफिल्स ने कहा था कि नोवाक जोकोविच के खिलाफ खेलते समय उन्हें ऐसा लग रहा था कि मर जाएंगें. सिमोना हालेप को भी मैच के बाद मेलबर्न हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. उस समय जोकोविच ने शिकायत की थी कि मैनेजमेंट खिलाड़ियों की सेहत का ख्याल नहीं रखती. इसको ध्यान में रखते हुए ही नए नियम लागू किए गए हैं.
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