विंबलडन के बाद ऑस्ट्रेलिया ओपन ने भी फाइनल सेट में टाइ ब्रेक के साथ लंबे चलने वाले मैचों की समस्या का इलाज खोज लिया है. साल की शुरुआत में होने वाले इस ग्रैंड स्लैंम में साल 2019 से यह नया बदलाव देखने को मिलेगा. टूर्नामेंट के डायरेक्टर क्रेग टाइली ने इसे ऐतिहासिक बदलाव बताया.
उन्होंने बताया कि इस बदलाव को लागू करने से पहले मौजूदा खिलाड़ी, पूर्व खिलाड़ी, कमेंटेटर, एजेंट्स और टीवी एनलिस्ट से इस बारे में बात की गई है और यह फैसला किया गया है.
14 जनवरी से शुरू होने वाले इस टूर्नामेंट में नए नियम को लागू कर दिया जाएगा. इसके मुताबिक अगर फाइनल सेट 6-6 से टाइ हो जाता है तो इसके बाद टाइ ब्रेकर खेला जाएगा. इस टाइ ब्रेकर में जो भी दो अंक या उससे ज्यादा अंको के अंतर से 10 अंक पहले हासिल करता है वही विजेता होगा. इसके बाद यह तय हो गया है कि चारों ग्रैंड स्लैम में अब फाइनल सेट के विजेता का फैसला करने का तरीका अलग है.
विंबलडन ने भी फाइनल सेट में टाइ ब्रेकर रखने का फैसला किया था लेकिन वहां कुछ चीजें अलग हैं. ऑल इंग्लैंड लॉन टेनिस क्लब के मुताबिक अगले साल से सभी इवेंट्स में पहली बार अंतिम सेट में टाईब्रेक लागू करेगा लेकिन इसे निर्णायक सेट में स्कोर 12-12 पर पहुंचने के बाद ही अपनाया जाएगा. यूएस ओपन में अब भी पुराने तरीके का टाइ ब्रेकर लागू हैं जहां फाइनल सेट में दो अंकों के अंतर हासिल करने वाला खिलाड़ी विजेता होता है. वहीं फ्रेंच ओपन में अब तक कोई फाइनल सेट टाइब्रेकर नहीं है. यहां जो भी खिलाड़ी दो सेट की लीड हासिल करता है वही विजेता होता है.
(फोटो साभार- गेटी)
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