भारतीय महिलाओं का दम दिखाते हुए लगातार पांचवीं बार 4X100 मीटर रिले का गोल्ड अपने नाम किया. चार अलग राज्यों से आईं इन चार लड़कियों की कहानियां भी एक दूसरे से बिलकुल अलग हैं. 18 साल की हिमा दास असम से हैं, 28 साल की एमआर पूवम्मा कर्नाटक, 24 साल की सरिता गायकवाड़ गुजरात और 21 साल की विस्माया कोरोथ केरल से आती हैं.
इसके बावजूद यह सब साथ आई और उन्होंने मिलकर देश के लिए 13वां गोल्ड हासिल किया. महिला 4x400 रिले रेस में भारतीय टीम ने 3.28.72 का समय लेकर भारत को इस एशियन गेम्स का 13वां गोल्ड मेडल दिला दिया है. हिमा दास ने बेहतरीन शुरुआत की थी और अच्छी बढ़त बना ली थी, जो आखिरी तक कायम रही.
गुजरात के आदिवासी जिले डांग के खराड़ी-अंबा गांव की सरिता के पिता साल में मात्र 14 हजार रुपए कमा पाते हैं. सरिता पैसों की कमी के कारण जूते नहीं खरीद पाती थीं. वे लोकल टूर्नामेंट में नंगे पैर दौड़ा करतीं. वहीं विस्माया 12वीं में स्कूल टॉपर थीं. फिर मैथ्स से बीएससी की थी. खेल में रुचि नहीं थी पर इंटर यूनिवर्सिटी खेलीं क्योंकि यह कॉलेज में अनिवार्य था. यहीं से उनका सफर शुरू हुआ.
पूवम्मा बीजिंग ओलिंपिक (2008) में सबसे युवा एथलीट थीं. लेकिन लंदन ओलिंपिक के ट्रायल्स के पहले ही चोटिल हो गईं, लोगों को लगने लगा कि करिअर खत्म. एक साल बाद उन्होंने वापसी कर ट्रेनिंग और डाइट प्लान बनाया और नए सिरे से तैयारी शुरू की. हिमा दास ने हाल ही में कई बड़ी चैंपियनशि में मेडल हासिल करके कम ही उम्र में अपने लिए एक नया मुकाम हासिल कर लिया है.
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