हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.
कोचों की गैरमौजूदगी के बावजूद आर्चरी वर्ल्ड कप फाइनल्स में भारतीय तीरंदाज मेडल जीतने में सफल रहे. हालांकि मुकाबलें के दौरान कोच की कमी उन्हें जरूर खली, लेकिन फाइनल्स के आखिरी दिन अभिषेक वर्मा के बाद दीपिका कुमारी ने भारत की झोली में ब्रॉन्ज मेडल डाल ही दिया. सत्र की इस अंतिम प्रतियोगिता में भारत का तीरंदाजी संघ कोच रखने में असफल रहा, क्योंकि रिकर्व कोच बीमार थे, जबकि कंपाउंड कोच जीवनजोत सिंह ने द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए अनदेखी किए जाने के बाद इस्तीफा दे दिया था. इसके बावजूद बिना कोच मुकाबले में उतरी दीपिका कुमारी ने काफी कड़े मुकाबले में लिजा उनरू को हराकर ब्रॉन्ज मेडल पर निशाना साधकर लय में लौटने के संकेत दे दिए हैं. गौतरलब है कि हाल ही में जकार्ता में हुए एशियन गेम्स के शुरू होने से कुछ समय पहले ही भारत की यह स्टार रिकर्व तीरंदाज डेंगू की शिकार हो गई थी, जिसका प्रभाव वहां मुकाबले में भी दिखा और भारतीय प्रशंसकों को वहां निराश होना पड़ा था.
वर्ल्ड कप फाइनल्स में भारतीय तीरंदाजों ने एक सिल्वर और दो ब्रॉन्ज के साथ अपना अभियान समाप्त किया. सिल्वर मेडल कंपाउंड की मिक्स्ड डबल्स इवेंट में भारत ने हासिल किया, जिसे प्रदर्शनी इवेंट के तौर पर शामिल किया गया था. इस इवेंट में मेजबान सहित दो ही टीमें थी.
सेंटर के सबसे करीब निराशा लगाकर मेडल जीता
एशियाड से लौटने के बाद कुछ समय का ब्रेक लेने के बाद फाइनल्स में उतरी दीपिका के लिए यहां मुकाबला कतई आसान नहीं था. लिजा और दीपिका पांच सेट के खत्म होने के बाद 55 की बराबरी पर थीं, जिससे शूट ऑफ करना पड़ा, वहां भी दोनों खिलाड़ी ने नौ नौ अंक जुटाए, लेकिन वर्ल्ड कप फाइनल्स की चार बार की सिल्वर मेडलिस्ट दीपिका का निशाना सेंटर के काफी करीब था, जिस कारण ब्रॉन्ज उनके खाते में आ गया. पहली बार बिना कोच के इतने बड़े टूर्नामेंट में खेल रही दीपिका को अधिकतर शूटऑफ के पहुंचे मुकाबले में निराशा ही मिलती हैं, लेकिन इस बार उन्होंने अपने दबाव को अपने उपर हावी नहीं होने दिया.
फोटो साभार: वर्ल्ड आर्चरी ट्विटर हैंडल