अपने देश में लगातार ये बहस चलती रही है कि महिलाओं को कैसे कपड़े पहनने चाहिए. तमाम जगहों पर ‘डीसेंट’ कपड़े पहनने की हिदायत दी गई है. यहां तक कि कई कॉलेज में इस तरह के निर्देश पर बवाल भी हुए हैं. यहां तक तो ठीक. लेकिन अगर 12 साल की बच्ची के कपड़ों को भड़काऊ बताकर शतरंज टूर्नामेंट में न खेलने दिया जाए, तो क्या?
सिंगापुर में ऐसा ही हुआ है. बारह वर्ष की बालिका को मलेशिया में शतरंज टूर्नामेंट से हटने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि उसकी पोशाक भड़काऊ थी. ऐसा दावा उनके कोच ने किया है.
स्टार ऑनलाइन की रिपोर्ट के अनुसार मलेशियाई शतरंज खिलाड़ी कौशल खंदार ने आरोप लगाया कि नेशनल स्कोलैस्टिक चेस चैम्पियनशिप 2017 के निदेशक और मुख्य संचालनकर्ता की कार्रवाई से उनकी छात्र ‘काफी शर्मसार’ और ‘परेशान’ है.
रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने दावा किया कि टूर्नामेंट निदेशक ने बालिका की घुटने तक की पोशाक पर टिप्पणी की जिससे मुख्य संचालनकर्ता ने उनकी छात्रा को स्पर्धा के दूसरे दौर के बीच में रोक दिया. सूचित किया गया कि बालिका की पोशाक अनुचित है जिससे टूर्नामेंट की पोशाक संहिता का उल्लघंन होता है.
कौशल ने अपने फेसबुक पेज पर बयान लिखा है. इसके मुताबिक उन्हें और छात्रा की मां को बाद में मुख्य संचालनकर्ता ने सूचित किया कि मेरी छात्रा की पोशाक भड़काऊ थी.
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