बात अगर वनडे क्रिकेट में टारगेट का पीछा करते हबुए अपनी टीम को जीत दिलाने की हो तो दुनिया भर में से दो ही क्रिकेटरों के नाम सबकी जुबान पर आते हैं. भारत के कप्तान विराट कोहली और पूर्व कप्तान एमएस धोनी. रनों के पहाड़ का पीछा करते हुए अपनी टीम को जीत दिलाने के उस्ताद इन दोनों बल्लेबाजों की बल्लेबाजी का अंदाज भले ही जुदा हो लेकिन उनके आंकड़े यह बताते हैं कि ये दुनिया के सबसे बड़े चेज मास्टर हैं.
लेकिन जरा ठहरिए.. भारत की नीली जर्सी में एक और चेज मास्टर है जिसके बल्ले से निकलने वाले रनों की रिकॉर्ड के सामने धोनी और कोहली के रिकॉर्ड भी पीछे छूट जाते हैं. यह चेज मास्टर कोई और नहीं बल्कि भारत की महिला टीम की कप्तान मिताली राज हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ मंगलवार को खेले गए वनडे मुकाबले में मिताली ने 111 गेदों पर 63 रन की ठोस पारी खेल कर भारत की जीत दिलाने में अहम भूमिका तो अदा की है साथ टारगेट का पीछा करने में मामले में उन्होंने ऐसा रिकॉर्ड खड़ा कर दिया जिसके सामने धोनी और कोहली के रिकॉर्ड भी फीके पड़ गए.
दरअसल अब टारगेट का पीछा करते हुए टीम को मिलने वाली जीत के मुकाबलों में मिताली राज का औसत 111.29 रन प्रति पारी का है. इस मामले में यह कोई भी पुरुष और महिला क्रिकेटर उनसे आगे नहीं है. भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी का औसत 103 .07 रन का है जबकि विराट कोहली का औसत 96.23 का है.
यानी बात जब भी टीरगेट का पीछा करते हुए अपनी टीम के लिए रन बनाकर जीत दिलाने होती है तो मिताली के आगे धोनी और कोहली भी फेल हैं. यही वह आंकड़ा है जो उन्हें दुनिया की सबसे बड़ी चेज मास्टर बनाता है.
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