पेशेवर जिंदगी में माना जाता है कि जिस चीज में आपकी महारत है और वह काम आपको करने को कहा जाता है तो उसे लेकर ना-नुकुर करना अपनी काबिलियत के साथ अन्याय करने जैसा होता है. ऐसे में जब क्रिकेट में बल्लेबाजी के क्रम को लेकर बहस चलती है तो हैरानी होती है. सक्षम बल्लेबाज को किसी भी नंबर पर खेलना आना चाहिए और खेलने के लिए तैयार रहना चाहिए.
बॉलर्स पर भी यह बात लागू होती है. अगर आप काबिल बॉलर हैं तो आपके हाथ में एसजी बॉल हो या कुकाबुरा या फिर ड्यूक्स, आपको कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए.
वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कप्तान विराट कोहली व उनके गेंदबाज उमेश यादव ने एसजी बॉल की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाया. वह भारत में ड्यूक्स गेंद से खेलने की बात कर रहे हैं. किसी गेंद की क्वालिटी खराब होने पर शिकायत लाजिमी है लेकिन किसी एक खास बॉल से ही खेलने मांग करना जायज नहीं है.
भारतीय बॉल से कहीं अच्छी है इंग्लिंश बॉल
कोहली और उमेश का मानना है कि भारत में बनी एसजी बॉल की तुलना में इंग्लिश ड्यूक्स बॉल कहीं बेहतर हैं. सबसे बड़ी शिकायत एसजी बॉल की शेप जल्दी बिगड़ जाने को लेकर है. इसके अलावा टीम में इस समय भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी और उमेश यादव जैसे गेंदबाज हैं जो अपनी तेजी और स्विंग से किसी भी टीम के खिलाफ जीत का रास्ता तैयार करने में सक्षम हैं. ड्यूक्स की मांग का कारण एक यह भी है क्योंकि इस गेंद की वॉर्निश या कहिए कि चमक जल्दी नहीं जाती और गेंद काफी समय तक स्विंग होती है. ड्यूक्स गेंद पर जोर देने का एक बड़ा कारण यह भी है.
बोर्ड कोहली से सहमत नहीं
भारतीय क्रिकेट बोर्ड एसजी बॉल को लेकर कोहली से सहमत नहीं है और न ही उसका इरादा ड्यूक्स बॉल को अपनाने का है. इस लेखक से बातचीत में बोर्ड के जनरल मैनेजर (क्रिकेट ऑपरेशंस) सबा करीम ने कहा कि एसजी बॉल को लेकर शिकायत मिल रही हैं और बोर्ड और कंपनी लगातार इस समस्या को दूर करने के लिए संपर्क में है. मसला गेंद की सिलाई को लेकर है. लेकिन इसे ज्यादा टाइट नहीं किया जा सकता क्योंकि गेंद के जल्दी फटने की आशंका है. इस पर काम हो रहा है.
सबा ने कहा कि किसी एक खास गेंद से क्रिकेट नहीं हो सकता, क्योंकि बोर्ड चाहता है कि टीम हर तरह की बॉल से अपना क्रिकेट खेले. चूंकि ऑस्ट्रेलिया में उन्हें दूसरी गेंद से गेंदबाजी करनी पड़ेगी और इंग्लैंड में किसी तीसरे ब्रॉन्ड से. इसी तरह जब ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड या अन्य टीमें यहां पर आती है तो उन्हें भी एसजी बॉल से टेस्ट क्रिकेट खेलना पड़ता है.
कंपनी परेशानी को दूर की कर रही है कोशिश
बोर्ड के अनुसार कंपनी की रिसर्च एंड डेवेलपमेंट टीम गंभीरता से इस दिक्कत को दूर करने का प्रयास कर रही है. जाहिर है कि बोर्ड का एसजी से अभी मोह भंग नहीं हुआ है और भारत में टीम इंडिया को इस गेंद से काम चलाना पड़ेगा.
यह सही है कि एसजी बॉल को लेकर घरेलू टीमें भी शिकायत कर रही हैं, लेकिन ड्यूक्स या कुकाबुरा जैसी गेंदों से ही क्रिकेट खेलना कीमत के लिहाज से भी काफी महंगा साबित होगा. एसजी के मुकाबले ड्यूक्स टेस्ट बॉल की कीमत दो से तीन गुना ज्यादा है. कुकाबुरा भी इसके आसपास ही है.
एक बार बोर्ड ने कंपनी को लौटा दी थी गेंद
बोर्ड के एक अधिकारी बताते हैं कि 2015 में घरेलू टीमों की शिकायत के बाद बीसीसीआई से कई सौ एसजी बॉल कंपनी को लौटा दी थी उसके बाद से इसमें सुधार पर काम हो रहा है. कुल मिला कर एसजी गेंद को लेकर मौजूदा स्थिति यह है. साफ है कि भारत में होने वाले क्रिकेट से यह गेंद जल्दी बाहर जाने वाली नहीं और कोहली एंड कंपनी को इसी गेंद से काम चलाना पड़ेगा.
हंदवाड़ा में भी आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि यहां के यारू इलाके में जवानों ने दो आतंकियों को घेर रखा है
कांग्रेस में शामिल हो कर अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत करने जा रहीं फिल्म अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का कहना है कि वह ग्लैमर के कारण नहीं बल्कि विचारधारा के कारण कांग्रेस में आई हैं
पीएम के संबोधन पर राहुल गांधी ने उनपर कुछ इसतरह तंज कसा.
मलाइका अरोड़ा दूसरी बार शादी करने जा रही हैं
संयुक्त निदेशक स्तर के एक अधिकारी को जरूरी दस्तावेजों के साथ बुधवार लंदन रवाना होने का काम सौंपा गया है.