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टेस्ट क्रिकेट में टॉस को बचाने के लिए आगे आए दिग्गज

दिलीप वेंगसरकर और बिशन सिंह बेदी ने की टेस्ट क्रिकेट में टॉस को बचाए रखने की वकालत

Updated On: May 18, 2018 11:49 AM IST

FP Staff

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टेस्ट क्रिकेट में टॉस को बचाने के लिए आगे आए दिग्गज

टेस्ट क्रिकेट से टॉस को खत्म करने के आईसीसी के इरादों की खबर सामने आने के बाद इस पर बहस शुरू हो गई है. भारत के दो पूर्व कप्तानों ने आईसीसी की इस प्लानिंग का विरोध किया है. समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक बिशन सिंह बेदी और दिलीप वेंगसरकर ने टेस्ट क्रिकेट में टॉस को खत्म करने के विचार को गलत करार दिया है.

बेदी का कहना है, ‘ सबसे पहले तो मैं यह जानना चाहता हूं कि एक सदी से भी ज्यदा पुरानी टॉस की इस परंपरा को खत्म करने का औचित्य ही क्या है? मुझ इस बात का कोई मतलब समझ में ही नहीं आ रहा है.’

वहीं भारत के एक और कप्तान दिलीप वेंगसरकर की कहना है, ‘ इस खेल के साथ पहले ही बहुत अधिक दखलअंदाजी हो चुकी है अब और अधिक करन की जरूरत नहीं है. कुछ चीजों को वक्त पर छोड़ देना चाहिए.’ उनका कहना है कि अगर घरेलू टीम के अपने माकूल पिच बनाने के मसले पर ही टॉस को खत्म किया जा रहा है तो फिर इस पेरशानी का निदान को न्यूट्रल क्यूरेटर को नियुक्त करके किया जा सकता है.

दरअसल टॉस की खिलाफत करने वालों का तर्क है कि इससे मेजबानी करने वाली टीम को फायदा मिलता है और इसके लिए खराब पिच बनाने के मामले सामने आते हैं. टॉस की बजाय मेहमान टीम को बल्लेबाजी या गेंदबाजी चुनने का विकल्प दिया जा सकता और ऐसा होने पर न्यूट्रल विकेट बनने की संभावना अधिक हो जाएगी.

अगर आईसीसी क्रिकेट कमेटी में सहमति बनती है तो फिर 2019 से ऑस्ट्रलिया-इंग्लैंड के बीच शुरू होने वाली एशेज सीरीज से टॉस की भूमिका को खत्म किया जा सकता है. 1877 ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेले गए इतिहास के पहले टेस्ट के बाद से लेकर अब तक टॉस हर टेस्ट मैच का हिस्सा रहा है और अगर इसे खत्म करने का फैसला हो जाता है तो यह क्रिकेट के खेल का बेहद अहम फैसला होगा.

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