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पाकिस्‍तान क्रिकेट बोर्ड ने भी स्‍वीकार की हार, कहा हमारे दस्‍तावेजों में दम नहीं था

पीसीबी ने 2015 से 2023 के बीच छह द्विपक्षीय सीरीज खेलने के कथित सहमति पत्र का सम्मान नहीं करने पर बीसीसीआई से भारी मुआवजे की मांग की थी

Updated On: Nov 22, 2018 03:21 PM IST

FP Staff

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पाकिस्‍तान क्रिकेट बोर्ड ने भी स्‍वीकार की हार, कहा हमारे दस्‍तावेजों में दम नहीं था

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के खिलाफ पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) द्वारा दाखिल किए मामले को आईसीसी द्वारा खारिज करने के बाद पीसीबी ने भी इस हार को स्‍वीकार कर लिया है. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष एहसान मनी ने स्वीकार किया कि बीसीसीआई से 447 करोड़ रुपए के मुआवजे का दावा करने के लिए उनके दस्तावेज पुख्ता नहीं थे और यही वजह है कि वे आईसीसी की विवाद निपटान समिति के सामने यह मामला हार गए.

पीसीबी ने 2015 से 2023 के बीच छह द्विपक्षीय सीरीज खेलने के कथित सहमति पत्र का सम्मान नहीं करने पर बीसीसीआई से भारी मुआवजे की मांग की थी. जिस पर बीसीसीआई का कहना था कि कि तत्कालीन सचिव संजय पटेल के हस्ताक्षर वाले पत्र में सिर्फ मंशा जाहिर की गई थी और दोनों देशों के बीच तनाव को देखते हुए वे सरकार की अनुमति के बिना कभी नहीं खेल सकते थे.

इंग्लिश  वकीलों ने दावा मजबूत बताया था

मनी ने कहा कि यह निराशाजनक है. मामला दर्ज करने से पहले पीसीबी ने इंग्लैंड में वकीलों से सलाह ली थी और उन्होंने सलाह दी थी कि हमारा मुआवजे का दावा मजबूत है. इसके बाद ही पीसीबी ने मामला दर्ज किया. आईसीसी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि इस मामले में जोखिम हमेशा से था. उन्होंने कहा कि जब मैने पद संभाला तो मामला खत्म होने को था. अगर उस समय हम पीछे हट जाते तो कमजोर लगते, लेकिन अब जो भी स्थिति है. हमें उसका सामना करके आगे बढना होगा.

मनी ने यह भी कहा कि उनका निजी तौर पर मानना है कि आईसीसी के सदस्य देशों को यूं एक दूसरे के खिलाफ मुकदमेबाजी की बजाय बातचीत से मसलों का हल निकालना चाहिए. गौरतलब है कि अब बीसीसीआई पीसीबी से मुकदमे का खर्च वसूलने के लिए आईसीसी की विवाद निवारण समिति के समक्ष मामला दायर करेगा.

एजेंसी इनपुट के साथ

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