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क्या चयनकर्ता में हिम्मत थी कि धोनी को हटने के लिए कहें?

इन आरोपों में कितना दम है कि प्रसाद ने धोनी को हटने के लिए कहा

Updated On: Jan 09, 2017 07:40 PM IST

Vedam Jaishankar

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क्या चयनकर्ता में हिम्मत थी कि धोनी को हटने के लिए कहें?

स्वर्गीय राजसिंह डूंगरपुर पर आरोप लगते हैं कि उन्होंने 80 के दशक की टीम को बिगाड़कर रख दिया. इस जिद में कि उन्हें 90 के दशक की टीम बनानी है. 80 के दशक की भारतीय टीम सबसे कामयाब टीमों में थी. इंग्लैंड में 1983 का वर्ल्ड कप जीता. शारजाह में 1984 का एशिया कप जीता. उसके बाद ऑस्ट्रेलिया में 1985 में बेंसन एंड हेजेस वर्ल्ड सीरीज जीती. इनके साथ 1986 में इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज 2-0 से जीती.

डूंगरपुर उस वक्त काफी सारे पद संभाल रहे थे. इसमें चयन समिति के अध्यक्ष का भी था. उन्होंने अपना एजेंडा लागू किया. हालात ये हो गए कि टीम से हटाए जाने के बाद मोहिंदर अमरनाथ ने चयनकर्ताओं को जोकरों को समूह कह दिया.

भारतीय टीम पहले जैसी नहीं रह गई. 1990 के दशक में ज्यादातर समय टीम ने संघर्ष किया. उसके बाद तमाम प्रतिभाशाली खिलाड़ी आए, जिन्होंने 90 के दशक में टीम को संभाला. लेकिन 80 और 90 के दशक की शुरुआत के दर्द को ‘90 के दशक की टीम’ बनाने के नाम पर भूला नहीं जा सकता.

ऐसे में महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय कप्तान के तौर पर हटने के लिए कहना घबराहट ही पैदा करता है. 2019 वर्ल्ड कप के नाम पर ऐसा कुछ करना अजीब ही है. देश के बड़े अखबार ने दावा किया कि धोनी ने अपनी मर्जी से कप्तानी नहीं छोड़ी. उन्हें चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने हटने के लिए कहा.

रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2016 में तय किया गया था कि धोनी को हटाया जाए. यह वो समय था, जब नई चयन समिति आई थी. वे भारतीय क्रिकेट का रोडमैप तैयार कर रहे थे, जिसमें फोकस 2019 का वर्ल्ड कप था. बताया गया कि धोनी को यह बात बताई गई कि जब वर्ल्ड कप होगा, तब धोनी की उम्र 39 साल होगी. ऐसे मे कोहली को क्यों न कप्तान बनाया जाए.

कहा यही गया कि नागपुर में रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल के दौरान प्रसाद ने धोनी से बात की. धोनी झारखंड टीम के मेंटॉर थे. इसे समझना मुश्किल है, क्योंकि इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी 20 टीम चुनी गई, उसमें कई खिलाड़ी ऐसे हैं, जो 2019 में बूढ़े हो चुके होंगे.

युवराज सिंह को चुना गया है, जो 40 के आसपास के होंगे. फील्डिंग या दो रन को तीन में बदलने के लिए वो आदर्श उम्र नहीं है. गेंदबाजों पर हमला बोलना हैंड-आई को-ऑर्डिनेशन की वजह से होता है, जो उम्र के साथ कमजोर होता है.

Mumbai: Indian cricketer Yuvraj Singh during a practice session in Mumbai on Sunday. PTI Photo by Mitesh Bhuvad (PTI1_8_2017_000130B)

किसी की क्षमता पर कोई सवाल नहीं है. लेकिन अगर चयनकर्ता भविष्य की टीम बनाना चाहते हैं. इस वजह से भारत के सबसे कामयाब कप्तान को हटने के लिए कहा गया है, तो चुने गए खिलाड़ियों को लेकर भी एक तरह की निरंतरता होनी चाहिए.

2019 विश्व कप इंग्लैंड में जून-जुलाई में होना है. यह करीब ढाई साल दूर है. अगर सितंबर 2016 में मामला तय किए जाने वाली अखबार की स्टोरी सही है, तो वो तीन साल बाद की प्लानिंग है.

भूल जाइए कि ये चयनकर्ता अगले तीन महीने भी शायद न रहें. लोढ़ा पैनल की सिफारिशें लागू होने के बाद उनका होना मुश्किल है. अभी से लेकर 2019 वर्ल्ड कप तक तमाम सीरीज और टूर्नामेंट होने हैं. इनके प्रदर्शन पर कप्तान या टीम का चुना जाना तय होगा. तब तक पूरी तरह नई टीम भी नजर आ सकती है.

ऐसे में यह मानना कि सितंबर 2016 में चयनकर्ताओं ने धोनी को हटाने का मन बनाया, ताकि नया कप्तान 2019 की टीम बना सके, समझदारी की बात नहीं लगती. धोनी भारत के सर्वकालिक सबसे कामयाब कप्तान हैं. उन्होंने 2007 में भारत को टी 29 और 2011 में 50 ओवर क्रिकेट का वर्ल्ड कप जिताया. टेस्ट में उनके रहते टीम नंबर वन हुई.

धोनी को हमेशा खिलाड़ियों का साथ मिला है. 2007 वर्ल्ड कप टीम के सदस्य रॉबिन उथप्पा ने एक बार कहा था कि अगर धोनी कह दें, तो वो सामने से आ रहे ट्रक के सामने लेटने को तैयार हैं.

SYDNEY, AUSTRALIA - MARCH 25: MS Dhoni of India preapres to bat during the India nets session at Sydney Cricket Ground on March 25, 2015 in Sydney, Australia. (Photo by Ryan Pierse/Getty Images)

कप्तान ने बल्ले से मैच बदले हैं. अपनी बेहतरीन स्टंपिंग और रन आउट से मैच के नतीजे बदले हैं. इससे बढ़कर उन्होंने छोटे शहरों से आए खिलाड़ियों को भरोसा दिया है कि वे इंटरनेशनल स्टेज पर बड़ा नाम कमा सकते हैं. वह वाकई कैप्टन कूल हैं. संक्षेप में कहूं तो पांचों चयनकर्ताओं को मिला दिया जाए, तो भी धोनी उनसे बड़े दिखाई देंगे.

आखिर प्रसाद, सरनदीप सिंह, गगन खोडा, जतिन परांजपे और देवांग गांधी ने कुल 13 टेस्ट खेले हैं. खोडा और परांजपे ने तो एक भी नहीं खेला. ऐसे में उम्मीद करना कि इनमें से कोई भारत के श्रेष्ठतम कप्तान के पास जाएगा और हटने के लिए कहेगा, बकवास लगता है. बल्कि धोनी ने अपनी बात मनवाई होगी. यह बात ज्यादा भरोसे से कह सकते हैं.

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