भारत को मेहमान टीम वेस्टइंडीज के साथ दो टेस्ट मैचों की सीरीज खत्म होने के बाद पांच मैचों की वनडे की सीरीज खेलनी है, लेकिन वनडे सीरीज शुरू होने से पहले ही इसके साथ एक के बाद एक विवाद जुड़ते जा रहे हैं. पहले बीसीसीआई और मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ के बीच फ्री पासेस का विवाद और 29 अक्टूबर को मुंबई में होने वाला मैच भी उच्चतम न्यायालय के दरवाजे पहुंचता नजर आ रहा है. भारत और वेस्टइंडीज के बीच 29 अक्टूबर को वनडे सीरीज के चौथे मुकाबले के आयोजन की व्यावहार्यता का मामला उच्चतम न्यायालय में जा सकता है.
मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के सचिव उन्मेष खानविलकर और एक अन्य सदस्य ने बंबई उच्च न्यायालय में जाकर वनडे के लिए तदर्थ समिति गठित करने की मांग की थी. जिस पर उच्च न्यायालय ने उनसे उच्चतम न्यायालय के पास जाने के लिए कहा. कुछ दिन पहले ही एमसीए अधिकारियों ने बीसीसीआई के सीनियर अधिकारियों से मुलाकात की थी और उन्हें एमसीए का बैंक खाता संचालित नहीं कर पाने और स्टेडियम के अंदर विज्ञापनों के लिए निविदा जारी नहीं करने जैसी कई मुश्किलों के बारे बताया था. गौरतलब है कि 24 अक्टूबर को होने वाला सीरीज का दूसरा मुकाबला पहले होल्कर स्टेडियम में होने वाला था, लेकिन मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ और बीसीसीआई के बीच मुफ्त टिकटों को लेकर विवाद हो गया था, जिसके बाद बीसीसीआई ने मैच को विशाखापट्टनम में शिफ्ट कर दिया.
भारतीय सेना की चिनार कॉर्प्स के जीओसी लेफ्टिनेंट कर्नल कंवलजीत सिंह ढिल्लन ने आतंकियों को सख्त पैगाम देते हुए कहा, 'सेना के पास सरेंडर पॉलिसी है और सभी आतंकी सरेंडर कर दें या फिर मौत के लिए तैयार रहें.'
पटना हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि बिहार के पूर्व CM को सरकारी आवास खाली करना होगा. कोर्ट ने निर्णय सुनाया कि जनता के पैसे से अब आराम तलबी नहीं चलेगी
कैटरीना कैफ के लिए साल 2018 कुछ खास नहीं रहा. जहां पिछले साल उनकी 2 फिल्में रिलीज हुई आमिर खान के साथ 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' और शाहरुख खान के साथ 'जीरो' लेकिन ये दोनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से पिट गई
विदर्भ को मैच जीतने के लिए 6 ओवर में 11 रन चाहिए थे और उसके पास पांच विकेट बचे थे. मैच पूरा होने के लिए काफी समय भी था लेकिन वह ड्रॉ के लिए मान गया
बीकानेर के DM ने जनभावना के गुस्से और आक्रोश को देखते हुए CrPC की धारा 144 के तहत आदेश जारी किया कि बीकानेर राजस्व सीमा में रह रहे पाकिस्तानी नागरिक 48 घंटे के भीतर जिला छोड़कर चले जाएं