पांचवें दिन लंच के समय इंग्लैंड का स्कोर था बगैर किसी नुकसान के 97. पैवेलियन जाते खिलाड़ियों में किसने सोचा होगा कि अगले दो सेशन में मैच खत्म हो जाएगा, वो भी नौ ओवर बाकी रहते! भले ही भारतीय टीम के कोच अनिल कुंबले कह रहे हों कि हमें जीत का भरोसा था. लेकिन ये भरोसा कोशिश तक सीमित होता है. इस उम्मीद के साथ कि हमारे अच्छे प्रदर्शन के साथ सामने वाली टीम गलती करेगी.
ठीक ऐसा ही हुआ. भारतीय टीम ने कमाल किया. इंग्लैंड टीम स्पिनर्स के सामने भटकती रही. बल्कि यूं कहें कि जडेजा ने ही सबको ढेर कर दिया. उन्होंने 48 रन देकर सात विकेट लिए. इसके अलावा दो कैच लपके. इंग्लैंड की पूरी टीम 207 रन पर ढेर हो गई. इस तरह उसने पारी और 75 रन से चेन्नई टेस्ट गंवा दिया. सीरीज पर भारत ने 4-0 से कब्जा किया. राजकोट टेस्ट के अलावा वाकई इंग्लैंड की टीम किसी मायने में भारत को चुनौती देती दिखाई नहीं दी.
103 रन पर गिरे दस विकेट
एलिस्टर कुक और कीटन जेनिंग्स के बीच शतकीय साझेदारी के बाद इंग्लैंड की पूरी टीम 48.3 ओवर में 103 रन पर आउट हो गई. चेन्नई की पिच पांचवें दिन भी ऐसी नहीं थी, जिस पर बल्लेबाजी करना मुमकिन न हो. लेकिन जडेजा की अच्छी गेंदबाजी. बाकी गेंदबाजों का साथ. विराट कोहली की आक्रामक कप्तानी और इंग्लैंड के बल्लेबाजों की कमजोरी ने काम आसान कर दिया.
सुबह का सत्र शुरू हुआ, जब एलिस्टर कुक और कीटन जेनिंग्स सोमवार शाम के स्कोर बगैर नुकसान के 12 रन को आगे बढ़ाने के लिए उतरे. लंच तक दोनों आराम से खेल रहे थे और ऐसा लग नहीं रहा था कि मैच नतीजे की तरफ जाएगा. लेकिन ऐसा लगता है, जैसे खाना खाते ही इंग्लैंड टीम के लिए गड़बड़ शुरू हो गई. लंच के बाद तीसरे ओवर में ही एलिस्टर कुक को रवींद्र जडेजा ने सीरीज में छठी बार आउट किया. लेग स्लिप में कैच के साथ कुक पैवेलियन लौटे.
कुक के विकेट से इंग्लैंड की टीम संभली भी नहीं थी कि जेनिंग्स ने अपना विकेट गंवाया. उन्होंने जडेजा पर हमला बोलने की कोशिश की. लेकिन समझ से बाहर था कि एक चौका लगाने के बाद लगातार दूसरी गेंद पर बाहर निकलने की क्या जरूरत थी. जरूरत से ज्यादा आक्रामकता का खामियाजा उन्होंने भुगता. जडेजा ने लेंथ और रफ्तार में परिवर्तन किया, जिसके बाद जेनिंग्स कभी गेंद की पिच पर नहीं थे. उन्होंने अपना शॉट तो रोक लिया. लेकिन शॉट रोकना गेंद को हवा मे जाने से नहीं रोक पाया. जडेजा ने अपनी ही गेंद पर कैच किया.
जल्दी-जल्दी आउट हुए रूट और बेयरस्टो
अगले 19 रन के भीतर इंग्लैंड के लिए साल के दो सबसे सफल बल्लेबाज आउट हो गए. इन दोनों विकेट में भी जडेजा का हाथ था. पहले रूट आउट हुए, जिन्हें जडेजा ने एलबीडब्ल्यू किया. उसके बाद बेयस्टो ने इशांत शर्मा की गेंद को फ्लिक करने की कोशिश की. जडेजा ने बेहतरीन कैच किया.
मोईन अली भी जडेजा का ही शिकार बने. स्लॉग करने की कोशिश में उन्होंने अश्विन को मिड ऑन पर कैच दे दिया. उनके साथ साझेदारी बना रहे बेन स्टोक्स भी जडेजा के अगले ही ओवर में आउट हुए, तो मैच के नतीजा लगभग तय हो गया. अब तक जो भी विकेट गिरे, उन सभी में जडेजा का रोल था. आखिरी के पांच बल्लेबाज तो दहाई के स्कोर पर भी नहीं पहुंच पाए. 15 रन के भीतर छह विकेट निकल गए.
तिहरा शतक जमाने वाले करुण नायर को मैन ऑफ द मैच और पूरी सीरीज में कमाल का प्रदर्शन करने वाले विराट कोहली को मैन ऑफ द सीरीज घोषित किया गया. चेन्नई में हार के साथ इंग्लैंड टीम ने सीरीज 0-4 से गंवा दी. अब वे क्रिसमस के लिए घर जाएंगे. अगले महीने वनडे सीरीज के लिए टीम को वापस आना है.
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