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India vs England, 3rd Test at Trent Bridge : प्रतिष्ठा के साथ-साथ सीरीज भी बचाने उतरेगी कोहली ब्रिगेड

भारतीय टीम पांच मैचों की सीरीज में 0-2 से पिछड़ रही है, तीसरे टेस्ट में हार के साथ ही वह सीरीज भी हार जाएगी

Updated On: Aug 17, 2018 06:20 PM IST

FP Staff

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India vs England, 3rd Test at Trent Bridge : प्रतिष्ठा के साथ-साथ सीरीज भी बचाने उतरेगी कोहली ब्रिगेड

भारतीय टीम जब इंग्लैंड पहुंची तो वो विश्वास से भरी थी. वो दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम के तमगे के साथ आई थी. लेकिन दो टेस्ट मैचों के बाद स्थिति बदल गई है. इस समय भारतीय टीम बैकफुट पर नजर आ रही है. हालांकि वो शनिवार से नॉटिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ शुरू होने वाले ‘करो या मरो’ के तीसरे टेस्ट में फतह हासिल कर वापसी करने के लिए बेताब होगी. भारतीय टीम के लिए ट्रेंट ब्रिज में होने वाला यह टेस्ट उनके लिए सीरीज बचाने का अंतिम मौका होगा. टीम को पहले दो टेस्ट मैचों में एजबेस्टन में 31 रन और लॉर्ड्स में पारी व 159 रन से हार का मुंह देखना पड़ा था.

प्रतिस्पर्धी क्रिकेट के साढ़े पांच दिन में 0-2 से पिछड़ने के बाद कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री सही टीम संयोजन के लिए टीम में कुछ बदलाव भी करना चाहेंगे. इस तरह भारतीय टीम कप्तान कोहली की अगुआई में 38 मैचों में इतनी ही बार बदले हुए संयोजन में खेलेगी. सबसे बड़ा बदलाव बीस वर्षीय ऋषभ पंत के टेस्ट पदार्पण का होगा, जो खराब फॉर्म में चल रहे दिनेश कार्तिक की जगह लेंगे जिन्होंने शायद लंबे प्रारूप में अपना अंतिम अंतरराष्ट्रीय मैच खेल लिया है.

ऋषभ पंत को मिल सकता मौका

चार पारियों में शून्य, 20, एक और शून्य के स्कोर के अलावा विकेटकीपिंग में भी खराब प्रदर्शन के बाद कार्तिक ऋषभ पंत को कैचिंग अभ्यास कराते दिखे. ऋषभ ने नेट में काफी समय बल्लेबाजी करने में बिताया. उन्होंने इंग्लैंड लायंस के खिलाफ दो प्रथम श्रेणी मैचों में तीन अर्धशतक बनाए हैं जिसके बाद उन्होंने टीम में जगह बनाई. रूड़की में जन्मे इस युवा को जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड, क्रिस वोक्स और सैम करन जैसे गेंदबाजों का सामना करना होगा जो उनके लिए परेशानियां खड़ी करने के लिए तैयार होंगे जैसा कि वे उनके सीनियरों के लिए कर चुके हैं. ऋषभ के पदार्पण को लेकर जहां इतनी दिलचस्पी बनी हुई है, वहीं प्रशंसक यह भी उम्मीद कर रहे होंगे कि कप्तान कोहली बल्लेबाजी करने के लिए फिट होंगे.

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पिछले मैच में स्विंग के मुफीद हालात में मिली हार के बाद भारतीय शिविर में मुख्य खिलाड़ियों की फिटनेस को लेकर आकलन जारी रहा. अच्छी खबर यह है कि जसप्रीत बुमराह फिट हो गए हैं और रविचंद्रन अश्विन व हार्दिक पांड्या लॉर्ड्स में बल्लेबाजी करते हुए लगी अपनी हाथ की चोट से पूरी तरह उबर गए हैं. कप्तान विराट कोहली भी अपनी पीठ की समस्या से लगभग उबर गए हैं. कोहली की स्थिति में काफी सुधार हुआ है और उन्होंने कहा भी है कि वह जो रूट के साथ टॉस करने मैदान पर आएंगे.

भारत ने लॉर्ड्स में दो स्पिनरों को उतारने की गलती स्वीकार की थी, लेकिन कोहली और कोच शास्त्री अब संतुलित टीम संयोजन उतारना चाहेंगे. अंतिम एकादश में कुछ बदलाव जरूरी है क्योंकि कुछ अहम खिलाड़ियों में आत्मविश्वास में कमी दिख रही है. उदाहरण के तौर पर मुरली विजय ने साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ विदेश में 10 टेस्ट पारियों में केवल 128 रन जुटाए हैं. 12.8 के औसत की अनदेखी नहीं की जा सकती, लेकिन उनके कद के बल्लेबाज को देखते हुए टीम प्रबंधन एक और मौका दे सकती है क्योंकि भारत को इस मैच में जीत की जरूरत है.

नहीं चल रहा धवन का बल्ला

वहीं शिखर धवन ने इस साल साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड के खिलाफ दो टेस्ट में 17.75 औसत रन जुटाए हैं और इंग्लैंड के खिलाफ उनका ओवरऑल औसत 20.12 (चार टेस्ट में) है. इन दो मौकों पर उन्होंने क्रमश: 68.93 और 57.29 के स्ट्राइक रेट से रन जुटाए जो फिर से उनके पक्ष में जा सकता है. इससे पूरी उम्मीद है कि भारत तीसरे टेस्ट में तीसरी सलामी जोड़ी -धवन और लोकेश राहुल को चुन सकता है और मध्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. कोहली फिटनेस हासिल कर रहे हैं और करुण नायर भी अभ्यास सत्र के दौरान सक्रिय नहीं दिखे. बर्मिंघम और लंदन तथा नॉटिंघम की तरह टीम प्रबंधन के दिमाग में अतिरिक्त विशेषज्ञ बल्लेबाज को उतारने की बात नहीं है. अगर ऐसा होता है तो उमेश यादव फिर से बाहर रहेंगे, क्योंकि टीम प्रबंधन मैदान पर सर्वश्रेष्ठ संयोजन उतारना चाहेगा.

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ट्रेंट ब्रिज की पिच 2014 (जब दोनों टीमों के बीच पिछली बार यहां भिड़ंत हुई थी) से काफी अलग दिख रही है. भारत ने सपाट पिच पर दो पारियों में 457 और नौ विकेट पर 391 रन पर पारी घोषित की थी, जिसमें इंग्लैंड ने एक बार बल्लेबाजी करते हुए 496 रन बनाए थे और यह मैच ड्रॉ रहा था. मौसम की भविष्यवाणी के अनुसार तीसरे टेस्ट के पहले चार दिन में बादल छाये रहेंगे और भारतीय टीम इस बात को ध्यान में रखेगी तो वे निश्चित रूप से एक ही स्पिनर को उतारेंगे.

वहीं इंग्लैंड के सामने भी चयन की दुविधा है. बेन स्टोक्स भी पिछले हफ्ते अदालती कार्रवाई के कारण बाहर रहने के बाद लौट आए हैं और उन्होंने गुरुवार को कड़ा बल्लेबाजी और गेंदबाजी अभ्यास किया.

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