भारतीय टीम 70 सालों के इतिहास में आज तक ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में मात देकर सीरीज पर कब्जा नहीं कर पाई है, लेकिन इस बार विराट कोहली की टीम एक नया इतिहास रचने के काफी करीब पहुंच गई हैं. इतिहास रचने की नींव बल्लेबाजों ने रख दी है और अब उस पर गेंदबाजों की मुहर लगनी बाकी है. सिडनी टेस्ट का दूसरा दिन भी चेतेश्वर पुजारा (193) और ऋषभ पंत (159*) के कारण पूरी तरह से भारत के नाम रहा. मजबूत बल्लेबाजी के दम पर भारत ने 7 विकेट के नुकसान पर 622 रन पर अपनी पहली पारी घोषित की. दिन का खेल समाप्त होने तक ऑस्ट्रेलिया ने बिना किसी नुकसान ने 24 रन बना लिए है. मार्कस हैरिस 24 और उस्मान ख्वाजा 5 रन बनाकर क्रीज पर टिके हुए हैं.
ख्वाजा को मिला जीवनदान
भारत के पास दूसरे दिन का खेल समाप्त होने तक कम से कम एक सफलता हासिल करने का मौका था, लेकिन शतकधारी पंत विकेटकीपिंग में चूक गए. मोहम्मद शमी की गेंद ख्वाजा गलत शॉट खेल बैठे. विकेट के पीछे पंत ने फस्र्ट स्लिप की ओर डाइव लगाकर कैच लपकना चाहा, लेकिन कैच छूट गया. उस समय यह ऑस्ट्रेलिया बल्लेबाज अपना खाता भी नहीं खोल पाया था.
शुरुआती घंटेभर भारत के लिए रहे मुश्किल
इससे पहले चार विकेट पर 303 रन से आगे खेलते हुए भारत ने दिन का शुरुआत किया. पुजारा ने 130 और हनुमा विहारी ने 39 रन से अपनी पारी को आगे बढ़ाया. दिन का शुरुआती एक घंटा भारत के लिए मुश्किल रहा. 303 रन से आगे भारत की पारी को बढ़ाते हुए हनुमा विहारी 42 रन पर आउट हो गए. विकेट गंवाने के साथ साथ शुरुआती घंटेभर में मेजबान गेंदबाजों की गेंदबाजी में धार भी देखने को मिले. पैट कमिंस और हेजलवुड ने एक के बाद एक मेडन ओवर करवाए. पुजारा और विहारी को बांध कर रखा. घंटे भर बाद पुजारा ने धीरे धीरे हाथ खोले. पुजारा ने विहारी के साथ 5वें विकेट के लिए 101 रन की साझेदारी की. विहारी (42) लायन की गेंद पर लबुशेन को अपना कैच थमा बैठे. पुजारा को इसके बाद पंत का साथ मिला, लेकिन लंच से पहले रन गति धीमी ही रही. लंच तक भारत ने पांच विकेट पर 389 रन बना लिए थे. लंच के बाद दोनों बल्लेबाजों ने जोरदार बल्लेबाजी साथ में की.
दोहरे शतक से चूके पुजारा
पुजारा का विदेशी जमीं पर पहला दोहरा शतक जड़ने का सपना नैथन लायन ने अधूरा ही रहने दिया. 193 रन पर लायन ने उन्हें अपनी ही गेंद पर कैच आउट किया. हालांकि 192 पर पुजारा को ख्वाजा ने जीवनदान दिया था. जब उन्होंने पहली स्लिप पर आसान सा कैच छोड़ दिया. विदेशी जमीं पर इससे पहले पुजारा का सर्वोच्च स्कोर 153 रन का था, जो उन्होंने 2013 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ और 2017 में श्रीलंका के खिलाफ बनाए थे. यही नहीं पुजारा इस श्रृंखला में 1200 से अधिक गेंदें खेल चुके हैं. राहुल द्रविड़ ने 2003-04 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1203 गेंदें खेली थी, लेकिन अब यह रिकॉर्ड पुजारा के नाम पर है.
पंत और जडेजा के बीच दोहरी शतकीय साझेदारी
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इस पारी में पुजारा और मयंक अग्रवाल के बीच 116 रन की बड़ी साझेदारी हुई थी, लेकिन दूसरे दिन पंत ने जडेजा के साथ मिलकर दोहरी शतकीय साझेदारी कर भारत को 600 रन के पार पहुंचा दिया. दोनों के बीच 204 रन की साझेदारी हुई. पंत ने नाबाद 159 रन बनाए, जबकि जडेजा ने 81 रन बनाए. कप्तान कोहली की इच्छा जडेजा के शतक के बाद पारी घोषित करने की थी, लेकिन जैसे ही जडेजा लायन की गेंद पर बोल्ड हुए कप्तान ने पंत को भी वापस बुला लिया. भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ने यहां अपने करियर का दूसरा टेस्ट शतक जड़ा.