ऑस्ट्रेलिया में पहले टेस्ट सीरीज और फिर वनडे सीरीज जीत कर टीम इंडिया के बुलंद हौसलों के के साथ न्यूजीलैंड पहुंची है. बुधवार को नेपियर में मेजबान टीम के साथ भारतीय टीम की इस पांच वनडे मुकाबलों की सीरीज का आगाज हो जाएगा जो इस साल इंग्लैंड में होने वाले वर्ल्ड कप के लिए भारत की तैयारियों को आइना दिखा देगी.
क्या कहते हैं आंकड़े
यूं तो टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को वनडे सीरीज 2-1 से मात दी है लेकिन न्यूजीलैंड में मेजबान टीम को हराना भारत के लिए हमेशा से ही टेढ़ी खीर रहा है. इस धरती पर खेले गए 35 मुकाबलों में से टीम इंडिया को महज 10 मुकाबलों में ही जीत नसीब हुई है. साल 2014 में जब टीम इंडिया यहां खेलने आई थी तो उसे वनडे सीरीज में 0-4 से हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन तब और अब के हालात मे बदलाव आ चुका है और कोहली एंड कंपनी को इसी बदलाव का मुजाहिरा वनडे सीरीज में करना है.
हालांकि कीवी टीम भी जोरदार फॉर्म में है और उसने अपने ही घर पर श्रीलंका को 3-0 से मात दकेर वनडे सीरीज में क्लीन स्वीप किया है.
यूं तो कहने को ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड पड़ौसी देश हैं लेकिन दोनों ही देशो में क्रिकेट खेलने के हालात मे काफी अंतर है. ऑस्ट्रेलिया के बड़े मैदानों में भारत ने लो स्कोरिंग मैच खेले और जीते लेकिन न्यूजीलैंड के छोटे मैदानों पर बड़े स्कोर वाले मैच देखने को मिल सकते हैं. खुद मेजबान टीम ने श्रीलंका के खिलाफ तीनों मुकाबलों में 300 से ज्यादा का स्कोर खड़ा करके जीत हासिल की है.
ताकतवर बल्लेबाजी ही बन सकती है भारत की चिंता
हमेशा की ही तरह इस बार भी भारतीय टीम की ताकत उसकी बल्लेबाजी को ही माना जा रहा है. धवन-रोहित की सलामी जोड़ी के बाद नंबर तीन पर कप्तान विराट कोहली की मौजूदगी भारतीय टॉप ऑर्डर को दुनिया का सबसे खतरनाक टॉप ऑर्डर बनाती है लेकिन धवन की खराब फॉर्म चिंता की बात हो सकती है. इसके बाद नंबर चार के बल्लेबाज की गुत्थी अब भी अनसुलझी ही है.
अंबाती रायूडू ऑस्ट्रेलिया में नाकाम रहे और आखिरी मुकाबलें में एमएस धोनी चौथे नंबर पर आकर भारत को मैच के साथ सारीज भी जिताई. केदार जाधव और दिनेश कार्तिक भारत की बल्लेबाज को मजबूत जरूर बनाते हैं लेकिन न्यूजीलैंड की मजबूत बल्लेबाजी के सामने बड़ा स्कोर खड़ा करने के लिए भारतीय बल्लेबाजों को बड़ी पार्टनरशिप्स करने की दरकार रहेगी.
गेंदबाजों को करनी होगी मेहनत
जहं तक सवाल भारत की गेंदबाजी का है तो वह तो अच्छी लय में दिख रही है. जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में मोहम्मद शमी और भुवनेश्वर को थोड़ी और अधिक जिम्मेदारी के साथ गेंदबाजी करनी होगी क्योंकि तीसरे तेज गेंदबाजी के तौर पर मोहम्मद सिराज या खलील अहमद ज्यादा प्रभावित नहीं कर सके है. न्यूजीलैंड की मजबूत बल्लेबाजी के सामने कुलदीप यादव का प्रदर्शन भी निगाहों में रहेगा.
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जहां तक सवाल न्यूजीलैंड का है तो उसका टॉप ऑर्डर भी भारत से कतई कम नजर नहीं आता है. कप्तान केन विलियमसन, मार्टिन गप्टिल और रॉस टेलर के अलावा हेनरी निकल्स और टॉम लैथम किसी भी गेंदबाजी आक्रमण की धज्जियां उड़ाने का माद्दा रखते हैं.
बहरहाल यह माना जा सकता है कि य़ह सीरीज बल्लेबाजों के दमखम को परखने की सीरीज हो सकती है और नेपियर के पहबले ही मुकाबले से इसका अंदाजा लग जाएगा कि भारत के जीत के घोड़े को रोकने में कीवी टीम कितनी सक्षम है.
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