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भारत-इंग्लैंड, तीसरा टेस्ट : मेहमानों के इतिहास से सावधान

सीरीज में पिछड़ने के बाद कई बार वापसी कर चुकी है इंग्लैंड टीम

Updated On: Nov 26, 2016 09:27 AM IST

Vivek Anand Vivek Anand, Jigar Mehta
सीनियर न्यूज एडिटर, फ़र्स्टपोस्ट हिंदी

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भारत-इंग्लैंड, तीसरा टेस्ट : मेहमानों के इतिहास से सावधान

भारतीय सरजमीं पर एक बार पिछड़ गए मेहमानों के लिए वापसी बेहद मुश्किल होती है. हालांकि इंग्लैंड की टीम अगर शांति से बैठकर अपने अतीत के बारे में सोचेगी, तो उसे उम्मीदें नजर आएंगी.

उन्हें कोई कहता सुनाई देगा – दोस्त, आप इससे पहले भी मुश्किल हालात से वापस आए हैं. इंग्लैंड टीम से नेगेटिव सोच दूर जाएगी.

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2012-13 की तरफ चलते हैं. इंग्लैंड को चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में करारी हार मिली थी. अहमदाबाद में उसे नौ विकेट से मात खानी पड़ी थी. लेकिन उसके बाद इंग्लैंड ने दो मैच जीते और एक ड्रॉ करते हुए सीरीज जीती.

दो साल बाद लॉर्ड्स में भारत ने जीत के साथ पांच मैच की सीरीज में बढ़त ली. उसके बाद अगले तीन टेस्ट में दो बार भारत को पारी की हार झेलनी पड़ी. सीरीज का स्कोर था 3-1.

11 साल पहले एशेज सीरीज में भी इंग्लैंड ने हार के साथ शुरुआत की. तब भी हार के बाद इंग्लैंड 2-1 से सीरीज जीता था. 18 साल बाद एशेज पर कब्जा जमाया था. इंग्लैंड ने 2000 के बाद से कई बार 0-1 से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए सीरीज जीती. ऐसे में मोहाली मुकाबले में उतरते हुए इंग्लैंड टीम अपने इतिहास से प्रेरित हो सकती है.

राजकोट में किया था अच्छा प्रदर्शन

वैसे भी इंग्लैंड ने दक्षिण अफ्रीका और न्यूजीलैंड के मुकाबले संघर्ष का माद्दा दिखाया है. राजकोट टेस्ट में इंग्लैंड टीम लगातार हावी रही थी. वाइजैग टेस्ट के तीसरे दिन भी इंग्लैंड ने संघर्ष दिखाया था, जब भारत को 204 पर आउट कर दिया. फिर सलामी बल्लेबाजों ने भी डटकर बल्लेबाजी की. इंग्लैंड के प्रशंसकों को उम्मीद बंधी, लेकिन दोनों मौकों पर वे ‘आखिरी धक्का’ देने में नाकाम रहे.

दूसरे टेस्ट की हार के बाद एलिस्टर कुक के बारे में कहा था, ‘भारतीय माहौल में दस दिन की क्रिकेट के बाद मुझे भरोसा मिला है कि हम इस माहौल में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं. हमने स्किल और संघर्ष का माद्दा दिखाया है.’

कैसी होगी मोहाली की पिच

मोहाली ऐसी जगह है, जो उन्हें वापसी के लिए सबसे अच्छा अवसर देती है. पीसीए स्टेडियम भारत के कुछ स्टेडियमों में है, जहां तेज गेंदबाजों को मदद मिलती है. यहां लगभग पूरे मैच में उछाल और रफ्तार को मदद मिलती है.

Mohali: Indian cricket team at a practice session a day before 3rd India-England test match in Mohali on Friday. PTI Photo by Vijay Verma (PTI11_25_2016_000148B)

मोहाली में शुक्रवार को अभ्यास करती टीम इंडिया.

पिछले कुछ सालों में ट्रेंड बदला है, लेकिन पिच में अब भी रफ्तार के लिए मदद है. सर्दियां आ रही हैं, जो इंग्लैंड को वापसी में और मदद देने का काम करेगी. इंग्लैंड की पेस बैटरी ने भारत के दौर पर अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है.

इंग्लैंड टीम में कई बदलाव

तीन महीने में पहला टेस्ट खेल रहे जेम्स एंडरसन ने विशाखापत्तनम टेस्ट की पहली पारी में बेहतरीन गेंदबाजी की थी. बल्कि कहा जाए कि पूरे मैच में ही अच्छी गेंदबाजी की. मेहमान टीम के लिए बड़ा झटका स्टुअर्ट ब्रॉड का बाहर होना है, जो चोट की वजह से नहीं खेल पाएंगे.

क्रिस वोक्स चोट की वजह से विशाखापत्तनम में नहीं खेल पाए थे. लेकिन उन्होंने राजकोट में अच्छी गेंदबाजी की थी. वही स्टुअर्ट ब्रॉड की जगह मोहाली में लेने वाले हैं. बेन स्टोक्स को रिवर्स स्विंग वापस पाने की जरूरत है, जिसका इस्तेमाल उन्होंने बांग्लादेश में बहुत अच्छी तरह किया था.

चार साल पहले स्पिनर्स ने इंग्लैंड की वापसी कराई थी. हालांकि टीम इंडिया के कप्तान एमएस धोनी ने दोनों टीमों के बीच का फर्क एंडरसन को करार दिया था. इस बार भी वो टीम की वापसी में अहम रोल निभा सकते हैं.

मोहाली में पिछला टेस्ट था स्पिनर्स के नाम

मोहाली में खेले गए पिछले टेस्ट में स्पिनरों ने 40 में से 34 विकेट झटके थे. मैच तीन दिन में खत्म हो गया था. हालांकि वो पिच खराब नहीं थी. शॉट सेलेक्शन की कमियों ने मैच जल्दी खत्म कर दिया था. अभी मोहाली की पिच सूखी दिख रही है, इसमें दरारें हैं, जो अगले कुछ दिनों में बढ़ेंगी.

Mohali: Indian cricketers Virat Kohli, R Jadeja and Umesh Yadav at a practice session a day before 3rd India-England test match in Mohali on Friday. PTI Photo by Vijay Verma (PTI11_25_2016_000105B)

अभ्यास सत्र के दौरान हल्के-फुल्के लम्हे. विराट कोहली, रवींद्र जडेजा और उमेश यादव.

कुक ने कहा भी है कि पिच सूखी है और अभी वो तय नहीं कर पाए हैं कि स्पिनर जफर अंसारी की जगह किसे मौका दें. संभव है कि ऑफ स्पिनर गैरेथ बैटी के बजाय किसी और तेज गेंदबाज को मौका दिया जाए.

भारत को भी पता है कि इंग्लैंड में वापसी का माद्दा है. यह बात कोहली ने भी मानी, ‘हमें उनकी क्षमताएं पता है. लेकिन हम अतीत के बारे में नहीं सोच रहे हैं. हम ऐसी टीम नहीं हैं, जो सोचे कि पिछली बार क्या हुआ था. अगर ऐसा सोचने लगेंगे, तो गेम से बाहर हो जाएंगे. हमें विपक्षी टीम से ज्यादा अपनी क्षमताओं पर भरोसा है.’

 

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