बीते कुछ वक्त में सुप्रीम कोर्ट से तमाम झटके खा चुकी बीसीसीआई के लिए एक और बुरी खबर है. केंद्रीय सूचना आयोग यानी सीआईसी ने बोर्ड के सूचना के अधिकार यानी आरटीआई से बाहर होने पर प्रधानमंत्री कार्यालय से ही जवाब मांग लिया है. सीआईसी ने एक याचिका में फैसला सुनाते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ साथ खेल और कानून मंत्रालय से भी जवाब मांगा है.
अपने फैसले में सूचना आयुक्त साल 2012 में लोकसभा में उस वक्त के खेल मंत्री के बयान को आधार बनाया है. फैसले में कहा गया है कि जब,उस वक्त की सरकार ने लोकसभा में ऐलान किया था कि सरकार, बीसीसीआई एक राष्ट्रीय खेल संघ मानते हुए उसे देश खेल आयोजित करने और विदेशों में भागीदारी करने की इजाजत देती है.
सूचना आयोग ने पीएमओ और बाकी संबंधित मंत्रालयों को आदेश जारी करते हुए पूछा है कि आखिर क्यों बोर्ड को अब तक आरटीआई के दायरे में नहीं लाया गया गया. आयोग ने इस जवाब के लिए एक महीने के लिए का वक्त दिया है.
इसके अलावा आयोग ने अपने आदेश में यह भी सवाल किया है कि बीसीसीआई अब भी ब्रिटिश काल के लोगो का इस्तेमाल क्यों कर रही है. आयोग का कहना है कि बोर्ड का लोगो औपनिवेशिक काल के उस चिन्ह जैसा है जिसे ब्रिटिश सरकार अपने पसंदीदा राजाओं को दिया करती थी.
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