कुछ साल पहले भारत क्रिकेट में कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट यानी हितों के टकराव का एक मसला खूब सुर्खियों रहा था. उस वक्त खबर आई थी कि तब के कप्तान एमएस धोनी को मैनेज करने वाली कंपनी रिति स्पोर्ट्स में धोनी का मालिकाना हक थी और यह कंपनी सुरेश रैना और आरपी सिंह जैसे खिलाड़ियों को भी मैनेज करती थी.
इस खबर के बाद उठे विवाद के बाद ही साफ हुआ था कि टीम के कप्तान भी इस तरह से हितों के टकराव के मसले पर फंस सकता है. इस वाकिए के कुछ साल बाद एक बार फिर से भारतीय क्रिकेट में ऐसे हालात पैदा हो सकते हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक बीसीसीआई जल्द ही भारतीय टीम के कप्तानों के लिए यह नियम बना सकती है कि वे यह सप्ष्ट करेंगे कि जो कंपनी उन्हें और बाकी खिलाड़ियों को मैनेज कर रही है उसमें वे हितों के टकराव के दायरे में नहीं आते हैं.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट के देश के बाद बनी लोढ़ा कमेटी ने इस बारे में अपनी सिफारिश में साफ किया है कि क्रिकेट के खेल से जुड़े हर शख्स को अपने हितों के टकराव की जानकारी देनी होगी. इन्हीं सिफारिशों के मद्देनजर कप्तान कोहली को भी जल्दी ही यह साफ करने के लिए कहा जा सकता है. और अगर कोई हितों का टकराव होता है तो फिर उस खिलाड़ी की सेलेक्शन में कप्तान की भूमिका को किनारे किया जा सकता है.
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