क्या आपने कभी इश्क, मोहब्बत, प्यार जैसा 'कुछ' किया है. भले ही आप न बताएं लेकिन किया तो जरूर होगा. हर कोई करता ही है, लेकिन सवाल यह है कि इस प्यार में ताजगी कितने समय तक बनी रहती है. अक्सर देखा गया है कि मोहब्बत के इकरार और फिर नए रिश्ते की शुरुआत के कुछ साल बीतने के बाद 'प्यार' काफूर हो जाता है और रह जाते हैं केवल गिले और शिकवे.
हालांकि हर रिश्ते में ऐसा हो, यह भी जरूरी नहीं है. आज यानि 23 अगस्त को एक ऐसे ही खूबसूरत रिश्ते को निभाने वाली अभिनेत्री का जन्मदिन है. उनका जन्म 1944 में मसूरी में हुआ था. आज दुनिया उन्हें बॉलीवुड की सबसे खूबसूरत हीरोइन के रूप में याद करती है. नाम है 'सायरा बानो.' वह बीते 52 सालों से इश्क की इबादत भी कर रही हैं और बॉलीवुड सुपरस्टार 'दिलीप कुमार' के दिल पर हुकूमत भी.
सायरा बानो की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है. सायरा का बचपन लंदन में बीता लेकिन 1960 में वह अपनी पढ़ाई पूरी करके मुंबई आ गईं. वह शुरुआत से ही अपनी मां की तरह बॉलीवुड की अभिनेत्री बनना चाहती थीं. जब सायरा मुंबई लौटीं तो उनकी मुलाकात निर्माता-निर्देशक शशधर मुखर्जी से हुई. उन्होंने सायरा को अपने भाई सुबोध मुखर्जी से मिलने की सलाह दी.
पहली फिल्म से ही बेस्ट एक्ट्रेस के लिए नॉमिनेट हो गई थीं सायरा
उन दिनों सुबोध एक फिल्म बना रहे थे, जिसका नाम 'जंगली' था. इस फिल्म के लिए उन्हें एक अभिनेत्री की तलाश थी जोकि सायरा बानो पर आकर खत्म हुई. यह फिल्म 1961 में रिलीज हुई, सायरा बानो के अपोजिट शम्मी कपूर थे. बॉलीवुड के फिल्मी सफर में एक अभिनेत्री के तौर पर यह सायरा का पहला कदम था. इस फिल्म में उन्होंने एक कश्मीरी लड़की का किरदार निभाया था.
यह फिल्म इतनी हिट हुई कि सायरा बानो को बेस्ट एक्ट्रेस कैटेगरी में फिल्म फेयर अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया. इसके बाद 1964 में सायरा की एक फिल्म ने लोगों के दिलों में उनके लिए खास जगह बना दी. इस फिल्म का नाम था 'आई मिलन की बेला.'
1968 में आई फिल्म 'पड़ोसन' ने सायरा को पॉपुलर बना दिया. 60 -70 के दशक में सायरा बानो का नाम बॉलीवुड की मशहूर और खूबसूरत अभिनेत्रियों में लिया जाने लगा. 'ये जिंदगी कितनी हसीन है', 'दामन और आग', 'दीवाना', 'अप्रैल फूल', 'आदमी और इंसान', जैसी उनकी कुछ यादगार फिल्में हैं.
जब दिलीप कुमार बोले- मेरे सफेद होते बालों का तो खयाल करो
सायरा बानो और दिलीप कुमार को बॉलीवुड की सदाबहार जोड़ी कहा जाता है. दोनों लोगों के रिश्ते को 52 साल से भी ज्यादा समय हो गया है लेकिन प्यार की ताजगी उतनी ही है जितनी एक नए कपल के रिश्ते में होती है. सायरा बानो ने 22 साल की उम्र में दिलीप कुमार से शादी की थी, तब दिलीप की उम्र 44 साल थी.
हर कोई उम्र के इस लंबे अंतर पर आश्चर्यचकित था लेकिन सायरा ने तो बचपन में ही ठान लिया था कि वो शादी केवल दिलीप कुमार से ही करेंगी. सायरा जब 12 साल की थीं तभी से दिलीप कुमार को दीवानों की तरह पसंद करती थीं. लेकिन जब सायरा 22 साल की हुईं और उन्होंने अपनी चाहत को दिलीप के सामने रखा तो वह भी हैरान रह गए.
दिलीप कुमार 22 साल के उम्र के फासले को अच्छी तरह समझते थे और इस रिश्ते से दूरी बनाना चाहते थे. शादी पर अड़ी सायरा से एक बार दिलीप ने कहा था कि मेरे सफेद होते बालों का कुछ तो खयाल करो, लेकिन सायरा के जवाब के आगे उनकी एक न चली और 1966 में दोनों लोग शादी के बंधन में बंध गए.
ऐसा नहीं है कि दिलीप कुमार सायरा का पहला प्यार थे. दिलीप से पहले सायरा का दिल राजेन्द्र पर आ चुका था, लेकिन राजेन्द्र की शादी हो चुकी थी और उनके तीन बच्चे थे. सायरा की मां को जब इस बात का पता लगा तो वह बहुत गुस्सा हुईं और उन्होंने पड़ोस में रह रहे दिलीप कुमार से अपनी बेटी को समझाने के लिए कहा. उस समय दिलीप, सायरा को बहुत नहीं जानते थे इसलिए उन्होंने सायरा को बेमन से समझाया लेकिन बाद में सायरा उन्हें ही अपना दिल दे बैठीं.
जब सायरा को मां बनने का सुख नहीं मिला, दिलीप ने की थी दूसरी शादी
सायरा बानो और दिलीप कुमार का साथ करीब 52 साल का है लेकिन दोनों के रिश्ते के बीच एक बार कड़वाहट भी आ गई थी. यह चर्चा जोरों से उठी कि सायरा बानो मां नहीं बन सकतीं.
दिलीप कुमार ने अपनी ऑटोबायोग्राफी 'द सबस्टांस एंड द शैडो' में कहा, '1972 में सायरा बानो पहली बार प्रेग्नेंट हुईं, 8 महीने की प्रेग्नेंसी में सायरा को ब्लड प्रेशर की शिकायत हुई, इस दौरान भ्रूण को बचाने के लिए सर्जरी करना संभव नहीं था और दम घुटने से बच्चे की मौत हो गई. बाद में पता चला कि यह बेटा था. इस घटना के बाद सायरा कभी प्रेग्नेंट नहीं हो सकीं.'
मीडिया रिपोर्ट के मुताबित कोई बच्चा न होने की वजह से 1980 में दिलीप कुमार ने आसमां रहमान से दूसरी शादी की. आसमां हैदराबाद की थीं और तलाकशुदा थीं. उनके बच्चे भी थे. लेकिन दिलीप का कुछ ही समय बाद आसमां से भरोसा उठ गया था.
जब दिलीप कुमार की दूसरी पत्नी ने की थी सुसाइड की कोशिश
दिलीप को लगता था कि आसमां अपने पहले पति के साथ मिलकर उन्हें धोखा दे रही हैं और मीडिया में उनके सारे राज खोल रही हैं. इसके बाद दिलीप को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने 1983 में आसमां को तलाक दे दिया और दोबारा सायरा के पास आ गए.
हालांकि आसमां इस घटना से बहुत आहत हुईं और उन्होंने सुसाइड करने की कोशिश की लेकिन बदलते हालातों के बीच उन्होंने अपना मन बदल लिया और फिर से अपने पहले पति के पास चली गईं.
तब से लेकर अब तक सायरा बानो साये की तरह अपने पति यानि दिलीप कुमार के साथ रहती हैं. शादी के इतने सालों के बाद भी दोनों का रिश्ता तरोताजा है. दिलीप कुमार अल्जाइमर से पीड़ित हैं लेकिन सायरा उनका पूरा खयाल रखती हैं. दोनों साथ में ही हर जगह जाते हैं.
इश्क के लिए सायरा की इबादत को देखकर दिलीप कुमार भी शायद यही सोचते होंगे- 'दुनिया लाख खूबसूरत है, मगर तुम्हारा ख्याल दिलकशी है मेरे लिए!'
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