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बीजेपी के अच्छे दिन, राहुल रिटायर हों- रामचंद्र गुहा

रामचंद्र गुहा की मानें तो बीजेपी इतिहास गढ़ने के दौर में है..

Updated On: Nov 18, 2016 12:38 PM IST

Vivek Anand Vivek Anand
सीनियर न्यूज एडिटर, फ़र्स्टपोस्ट हिंदी

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बीजेपी के अच्छे दिन, राहुल रिटायर हों- रामचंद्र गुहा

मशहूर इतिहासकार रामचंद्र गुहा की मानें तो बीजेपी इतिहास गढ़ने के दौर में है, कांग्रेस इतिहास बनने के दौर में और राहुल गांधी का चैप्टर तो क्लोज ही समझें. इतिहासकार और लेखक रामचंद्र गुहा की राजनीतिक भविष्यवाणी के मुताबिक अगले 15-20 वर्षों में बीजेपी देश की इकलौती सबसे ताकतवर राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी होगी. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बारे में उनकी राय है कि उन्हें राजनीति से रिटायर हो जाना चाहिए.

The Economic Times को दिए इंटरव्यू में रामचंद्र गुहा ने कहा है कि बीजेपी का मौजूदा दौर ठीक वैसा ही है, जैसा 60 और 70 के दशक में कांग्रेस का था. उस वक्त कांग्रेस देश की इकलौती सबसे ताकतवर राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी थी और विपक्ष कुछ राज्यों तक सिमटा था.

रामचंद्र गुहा का कहना है 'अगले 15-20 वर्षों तक बीजेपी ही देश की सत्ता से लेकर राजनीति की दिशा तय करेगी.' एक कमजोर विपक्ष होने के सवाल पर रामचंद्र गुहा कांग्रेस के घोर आलोचक हो जाते हैं.

उनका कहना है 'कांग्रेस के भीतरी दायरे से बाहर के लोग गांधी परिवार को बेकार मानते हैं. यहां तक की वैसे लोग जो कांग्रेस की उदारवादी नीतियों से आकर्षित रहे हैं, वो भी राहुल गांधी को इतना हल्के में लेते हैं कि उन्हें हंसी-मजाक के पात्र से ज्यादा कुछ नहीं समझा जाता है.'

The Economic Times को दिए इंटरव्यू में रामचंद्र गुहा ने कहा है ' राहुल गांधी को राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए. अच्छा हो वो शादी करके अपना परिवार बढ़ाएं. ये उनके लिए भी अच्छा रहेगा और देश के लिए भी'

बीजेपी कांग्रसे ज्यादा खतरनाक

हालांकि इतिहासकार रामचंद्र गुहा भारतीय जनता पार्टी के ताकतवर बनकर उभरने को कांग्रेस के प्रभुत्व वाले दौर से ज्यादा खतरनाक मानते हैं और इसकी वजह है बीजेपी का संघ से जुड़ाव. वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को धर्मांध और प्रतिक्रियावादी राजनीतिक शक्ति मानते हुए, इसे बीजेपी के शासनकाल का सबसे बड़ा दाग मानते हैं. इसी कड़ी में वो अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहते हैं कि ये बेहद अफसोस की बात है कि गाय के नाम पर हंगामा करना कई राज्यों में सरकारी नीति जैसा बन गया है.

RAHUL-GANDHI

अपने दौर के चर्चित इतिहासकारों में से एक रामचंद्र गुहा ने कहा है कि ये परेशान करने वाली बात थी कि भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में पर्याप्त दक्षिणपंथी बुद्धिजीवी नहीं थे. उनका मानना है कि भरोसेमंद दक्षिणपंथी बौद्धिक परंपरा आरएसएस के दायरे से बाहर ही निकल कर आ सकती है.

बीजेपी पर रामचंद्र गुहा की इस टिप्पणी और गाय के नाम पर हो रही राजनीति पर उनके बयान के एक दिन बाद ही IANS की रिपोर्ट से खबर मिली कि गुजरात के बनासकांठा जिले की एक गर्भवती दलित महिला को दबंग ऊंची जातियों के लोगों ने घर में घुसकर सिर्फ इसलिए बेरहमी से पीटा क्योंकि उसके परिवार ने मरे हुए पशु को खेतों से हटाने से मना कर दिया था.

 

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