साउथ फिल्म इंडस्ट्री में जब भी कुछ अच्छे अभिनेताओं का जिक्र होता है तो उनमें प्रकाश राज का नाम जरूर शामिल होता है. हालांकि उन्हें तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री से 6 बार बैन भी किया जा चुका है. बावजूद इसके उनका नाम उन गिने चुने कलाकारों में शामिल है जिन्होंने साउथ के साथ-साथ बॉलीवुड में भी अपनी पहचान कायम करने में कामयाबी हासिल की है.
इसके अलावा वो एक कामयाब प्रोड्यूसर भी रह चुके है. प्रकाश राज रील लाइफ में जितने खतरनाक रोल करते हैं रियल लाइफ में उतने ही साधारण है. हालांकि किसी भी मुद्दे पर वो अपनी बेबाक राय रखने से कभी नहीं हिचकिचाते हैं. इसी वजह से वह कई बार विवादों के कटघरे में आकर खड़े हो जाते है. उनके विवादों के बारे में बताने से पहले बात करते हैं उनके शुरूआती दिनों की.
मात्र 300 रुपए के लिए करते थे थिएटर
26 मार्च 1962 को जन्में प्रकाश राज आज 52 साल के हो गए है. आज उनकी गिनती फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने खलनायकों में होती है. मगर एक दौर ऐसा भी था जब अपनी मंजिल पाने के लिए प्रकाश राज ने 300 रुपए में 3 महीने तक लगातार थिएटर किया था. बचपन से ही एक्टिंग में खास दिलचस्पी होने की वजह से उन्होंने थिएटर में नाटक करना शुरू किया था. वह कई स्ट्रीट शो भी किया करते थे. धीरे-धीरे उनकी बेहतरीन डायलॉग डिलीवरी लोगों को पसंद आने लगी इसके बाद उन्होंने कई कन्नड टीवी शो और फिल्मों में काम किया. कुछ सालों बाद वो तामिल फिल्म इंडस्ट्री में चले गए. 1994 में उन्होंने के बालाचंदर की डुएट फिल्म से डेब्यू किया था. बाद में इस फिल्म की याद में उन्होंने अपनी प्रोडक्शन कंपनी का नाम भी डुएट मुवीज रखा था.
के बालचंदर के कहने पर बदला नाम
वो के बालचंदर ही थे जिनके कहने पर प्रकाश राज ने अपना नाम बदला था. दरअसल पहले प्रकाश राज का नाम प्रकाश राय था मगर बाद में के बालचंदर ने उन्हें नाम बदलने की नसीहत दी जिसके बाद उन्होंने अपना नाम बदलकर प्रकाश राज रख लिया. 1997 में आई के बालचंदर की फिल्म नागमंडल प्रकाश राज के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुई जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
विवादों से रहा है खास नाता
प्रकाश राज का हमेशा से विवादों से खास नाता रहा है. सबसे पहला विवाद तब शुरू हुआ जब प्रकाश राज को उनके रवैये की वजह से 6 बार तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री से बैन कर दिया गया. इसके लिए उन्होंने एक बयान भी जारी किया था.
उन्होंने कहा था 'अगर लोग समझते हैं कि मैं लुका छिपी खेलता हूं तो लोग मुझे ही बार-बार क्यों चुनते हैं.' उन्होंने कहा था कि क्यों मैं महेश की 10 फिल्मों में से 9 फिल्मों में काम कर चुका हूं. उनहोंने अपने बयान में कहा था कि लोग मुझे मेरे काम के कारण क्यों नहीं आंक सकते?
ये पहली बार था जब किसी एक्टर को तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री से बैन किया गया था. इसके बाद वो अपनी तेलुगू फिल्म ओंगोले गीथा में भी अपने एक विवादास्पद सीन की वजह विवादों में आ गए थे. बाद में इस फिल्म को ए सर्टिफिकेट के साथ रिलीज किया गया था. इन सब के बीच गौरी लंकेश हत्याकांड पर भी बयान जारी कर प्रकाश राज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला था.
प्रकाश राज ने कहा था, गौरी लंकेश के हत्यारों का पता चले या न चले, मगर जिस तरह सोशल मीडिया पर उनकी मौत को सेलिब्रेट किया जा रहा है, वह परेशान करने वाली बात है. हम सब जानते हैं कि ये कौन लोग हैं और उनकी क्या विचारधारा है. इनमें से कई ऐसे हैं, जिन्हें नरेंद्र मोदी फॉलो करते हैं.
5 बार नेश्नल अवॉर्ड से नवाजे गए हैं
तमाम विवादों के बावजूद प्रकाश राज को उनके 29 साल के करियर में 5 बार नेश्नल अवॉर्ड से नवाजा जा चुका है. बतौर प्रोड्यूसर उन्हें कन्नड फिल्म पुटकाना हाईवे के लिए नेश्नल अवॉर्ड से सम्मानित किया था.
बतौर विलेन की हिंदी फिल्म जगत में शुरूआत
प्रकाश राज ने अपनी हिंदी फिल्म करियर की शुरूआत सलमान खान की फिल्म वॉनटेड से की थी. इस के बाद उन्हें कई हिंदी फिल्मों में काम किया जिनमें वो विलेन की भूमिका में नजर आए.
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