यूपीएससी रिजल्ट सामने आने के बाद से ही देश भर में कई ऐसे सफल छात्रों के नाम सामने आ रहे हैं, जिन्होंने अलग-अलग परिस्थितियों का सामना करते हुए सिविल सेवा परीक्षा में झंडे गाड़े हैं.
बागपत बड़ौत की 32 साल की डॉ. प्रज्ञा जैन ने वो कारनामा कर दिया है जो हर छात्र का एक सपना होता है. बेटी के जन्म के डेढ़ महीने बाद ही डॉक्टर प्रज्ञा जैन ने देश की सर्वोच्च सिविल सर्विसेस परीक्षा में 194वीं रैंक हासिल कर ली.
डॉ. प्रज्ञा जैन को बचपन से पढ़ाई में काफी रुचि रही है. प्रज्ञा जैन ने बागपत के बड़ौत से ही हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की.
प्रज्ञा जैन ने नेहरू होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज दिल्ली से होम्योपैथी में डॉक्टर की डिग्री हासिल की है. प्रज्ञा जैन 10वीं में अपने जिले की टॉपर रह चुकी हैं. इतना ही नहीं वह ग्रेजुएशन में भी गोल्ड मेडलिस्ट रह चुकी हैं.
प्रज्ञा जैन के पिता डॉ. पद्म जैन और भाई डॉ. वैभव जैन भी डॉक्टर हैं. प्रज्ञा के पिता और भाई दोनों एक ही जगह प्रैक्टिस करते हैं.
डॉ. प्रज्ञा जैन के पति विनीत जैन बैंक ऑफ बड़ौदा में चीफ मैनेजर हैं. विनीत अभी गुजरात के गांधीनगर में कार्यरत हैं. प्रज्ञा जैन के ससुर सुदर्शन जैन भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शाहदरा दिल्ली में कार्यरत हैं. डॉ. प्रज्ञा जैन भी नवीन शाहदरा में अपना क्लीनिक चलाती हैं.
फ़र्स्टपोस्ट हिंदी से विशेष बातचीत में डॉ. प्रज्ञा जैन ने अपनी पुरानी यादें और भविष्य की कुछ उम्मीदें साझा की. फ़र्स्टपोस्ट हिंदी से बात करते हुए प्रज्ञा ने बताया कि उनकी बेटी का डेढ़ महीने पहले ही जन्म हुआ है और उनके सिविल सर्विसेस में चयन होना भी उनकी बेटी के सौभाग्य का सूचक है.
उन्होंने कहा, 'यूपीएससी साक्षात्कार के 14 दिनों के बाद ही मेरी बेटी इस दुनिया में आई. बेटी पीहू जैन उनके लिए ढेरों खुशियां लेकर आई है. इसलिए वो पीहू को सौभाग्यशाली मानते हैं.'
डॉ प्रज्ञा जैन कहती हैं कि जब प्रेग्नेंट थी तो उन्हें डॉक्टरों ने आराम करने की सलाह दी थी. उन्होंने बताया, 'प्रेग्नेंट होने के बावजूद मैं साक्षात्कार के लिए गई. मैं ठीक से बैठ भी नहीं पा रही थी इसलिए मैंने बोर्ड सदस्यों से आग्रह किया था कि मुझसे पहले ही साक्षात्कार कर लिया जाए. डॉक्टरों ने मुझे बैठने के लिए भी मना कर रखा था.'
यूपीएससी साक्षात्कार में 6-6 छात्रों का ग्रुप होता है और प्रज्ञा का ग्रुप सबसे आखिरी नंबर पर था. प्रज्ञा ने बताया कि उनके अनुरोध को बोर्ड के सदस्यों ने स्वीकार कर लिया और ग्रुप के और छात्रों से पहले ही बुला लिया.
प्रज्ञा जैन ने बताया कि उनके लिए परीक्षा पास करना चुनौतीपूर्ण था क्योंकि वो प्रेग्नेंट भी थी और उन्हें अपने क्लीनिक पर भी काम देखना होता था. उनके परिवार के लोगों ने उन्हें काफी सपोर्ट किया. इसी वजह से उन्होंने इतनी बड़ी चुनौती को पार कर लिया.
डॉ. प्रज्ञा जैन का यूपीएससी की परीक्षा में ये तीसरा और आखिरी प्रयास था उन्होंने 2014 में भी यूपीएससी की परीक्षा दी थी लेकिन उन्हें उस समय निराशा हाथ लगी क्योंकि तब वो सिर्फ दो नंबर से पीछे रह गई थीं.
साल 2015 के यूपीएससी परीक्षा में प्रज्ञा को असफलता हाथ लगी थी. लेकिन, इसके बावजूद उनहोंने हार नहीं मानी. 2016 में उम्र के लिहाज से अंतिम मौका होने के बावजूद और विपरीत परिस्थिति में भी अच्छा रैंक ला कर अपने सपने को पूरा लगा लिया.
194वां रैंक पाकर प्रज्ञा आईपीएस अफसर बन जाएंगी. वह दिल्ली को अपना कार्यक्षेत्र बनाना चाहती हैं.
प्रज्ञा जैन बताती हैं कि यूपीएससी के चेयरमैन सहित पांच लोगों के पैनल्स ने उनका साक्षात्कार लिया. साक्षात्कार लगभग 35 मिनट तक चला.
डॉ. प्रज्ञा जैन ने साक्षात्कार में पूछे गए कुछ सवाल फर्स्टपोस्ट हिंदी से शेयर की.
सवाल- होम्योपैथी की खोज कैसे हुई. होम्योपैथी किस तरह काम करती है?
जवाब- मैंने होम्योपैथी के मुलभूत सिद्धांतों के बारे में बोर्ड सदस्यों को बताया और सीसीआरएच की वेबसाइट पर दी गई रिसर्च के बारे में बताया.
सवाल- किसी एक भ्रष्ट नेता का नाम बताइए?
जवाब- सद्दाम हुसैन
सवाल- देश में अभी तक महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं मिल सका है?
जवाब- कुछ राजनीतिक दलों के कारण अभी तक महिलाओं को आरक्षण नहीं मिल पाया है. नेता नहीं चाहते हैं कि महिलाओं को आरक्षण मिले इसीलिए वो लोग अलग-अलग मुद्दे बनाकर बिल को लटका देते हैं.
सवाल- एक नेता में क्या गुण होने चाहिए?
जवाब- ईमानदारी, सच्चाई और लोगों के दुख-दर्द समझने की काबिलियत होने चाहिए.
सवाल- पंचशील के बारे में आप क्या जानते और समझते हैं?
जवाब- पंचशील सिद्धांत की शुरुआत भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के द्वारा की गई. जिसमे पड़ोसी देश के साथ सद्भावना का व्यवहार रखना चाहिए.
सवाल- कॉमनवेल्थ ऑफ नेशनंस क्या है?
जवाब- कॉमनवेल्थ ऑफ नेशनंस वो राष्ट्र है जो कभी ब्रिटिश सरकार की हुकूमत का हिस्सा रहा है.
सवाल- ‘उड़ान’ स्कीम के बारे में विस्तार से बताइए? आज का अखबार पढ़ा है?
जवाब- ‘उड़ान’ सरकार द्वारा लांच की गई एक स्कीम है. हवाई यात्रा सेवा में हवाई टिकट सस्ते उपलब्ध होते हैं. एक दिन पहले ही पीएम मोदी ने हिमाचल में इस योजना की शुरुआत की थी.
सवाल- सिगरेट के पैकेट पर डरावनी तस्वीर लगाने से क्या फायदा होता है?
जवाब- सिगरेट के पैकेट पर डरावनी तस्वीर लगाने से लोगों को उससे होने वाली बीमारियों के विकराल रूप के बारे में आगाह किया जाता है ताकि वो ये आदत छोड़ सके.
सवाल- होम्योपैथी से किसी की सिगरेट की आदत छुड़वाई जा सकती है और वो कैसे है?
जवाब- हां, होम्योपैथी से सिगरेट की आदत छुड़वाई जा सकती है. दवा लगातार खानी पड़ती है साथ ही एयर स्ट्रोंग विलपॉवर चाहिए.
सवाल- जैनिज्म और बौद्धिज्म में क्या अंतर है?
जवाब- जैनिज्म तपस्या और त्याग का मार्ग दिखाता है जबकि, बौद्धिज्म मध्य मार्ग में विश्वास रखता है.
सवाल- दरदोही क्या होता है? कलमकारी क्या होता है?
जवाब- कपड़े के ऊपर सोने-चांदी के तार से काम किए जाते हैं. लखनऊ और बंगाल में इस तरह के काम काफी होते हैं.
इसके अलावा मुझसे मेरे मेडिकल बैकग्राउंड से संबंधित सवाल पूछे गए. वायरस-बैक्टीरीया आदि से संबंधित कई प्रश्न पूछे गए. बैक्टीरीया के बारे में, खाने को डाइट के बारे में, कौन सी मच्छर क्या-क्या बीमारियां करती है. कुल मिलाकर काफी हार्डकोर बायोलॉजी से सवाल पूछे गए थे.
डॉ प्रज्ञा जैन पीएम मोदी से काफी प्रभावित हैं. पीएम मोदी के ‘मन की बात’ प्रोग्राम से भी काफी प्रभावित हैं. भविष्य में अगर दिल्ली में काम करने का मौका मिलेगा तो कुछ नए अाइडिया को जनता के बीच लाने की बात वह करती हैं. साथ ही जनता के बीच में विश्वास पैदा करना उनकी प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक होगा.
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