शारदीय नवरात्रि शुरू हो चुके हैं. इस दौरान दस दिनों तक मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. खास बात यह है कि इस बार 15 वर्षों के बाद एक शुभ संयोग बन रहा है, जिसमें नवरात्र के दस में से आठ दिनों में एक विशेष सिद्धियोग काम करेगा. ऐसे में माता की कृपा पाने के लिए महिलाओं के लिए इन दिनों कुछ खास नियम बताए गए हैं. अगर इन नियमों का पालन न किया जाए तो माता महिलाओं से नाराज हो सकती हैं. आइए आपको बताते हैं क्या हैं वो खास नियम जिनका इन दनों पालन करना बहुत जरूरी है.
कलश स्थापना के बाद कभी भी अपने घर को खाली न छोड़ें. घर को खाली छोड़ने से एक तरह की नेगेटिव एनर्जी आपके घर में घुसने की कोशिश करती है. ऐसे में घर में चहल पहल बनी रहनी चाहिए.
मां के इन नौ दिनों में साफ मन से सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए. इस दौरान नॉनवेज, लहसुन और प्याज का सेवन करने से बचें.
विष्णु पुराण के अनुसार नवरात्रि व्रत रखने वाली महिलाओं को दिन के समय बिल्कुल नहीं सोना चाहिए.
वहीं व्रत रखने वाले भक्तों को इस दौरान शारिरीक संबंध बनाने से बचना चाहिए. ऐसा करने से व्रत का फल नहीं मिलता है.
मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को माता रानी का पूजन नहीं करना चाहिए. माना जाता है कि महिलाओं के लिए मासिक धर्म के सात दिन तक पूजन करना वर्जित होता है.
व्रत में क्या-क्या करें:
व्रत में कुट्टु का आटा, सिंघाडे का आटा, साबूदाना, सेंधा नमक, आलू, मेवे खा सकते हैं.
तुलसी, चंदन और रूद्राक्ष की मालाओं का उपयोग माता का जप करने के लिए करें.
नौ देवियों के अनुसार उन्हें भोग लगाने और पुष्प अर्पित करने से माता प्रसन्न होती है.
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