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अंबेडकर का महानिर्वाण दिवस, माया ने मोदी को बताया ऊंची जाति का

मायावती ने मोदी के पिछड़े होने पर ही सवाल खड़ा कर दिया है

Updated On: Dec 07, 2016 09:45 AM IST

Amitesh Amitesh

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अंबेडकर का महानिर्वाण दिवस, माया ने मोदी को बताया ऊंची जाति का

बीएसपी अध्यक्ष मायावती के निशाने पर हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी. मायावती ने मोदी के पिछड़े होने पर ही सवाल खड़ा कर दिया है.

बीएसपी अध्यक्ष ने सीधे मोदी पर वार करते हुए कहा कि मोदी उंची जाति के हैं.

'मोदी घांची जाति से हैं, जिसे बाद में पिछड़ी जाति में शामिल करा दिया गया.'
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि के मौके पर उन्हें श्रंद्धांजलि देने के बहाने बीएसपी ने एक बड़ी सभा का आयोजन किया था.

दलित वोटबैंक पर नजर 

लखनऊ में बाबा साहब के महापरिनिर्वाण दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बीएसपी की तरफ से विरोधियों पर दनादन वार किए गए. यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं.

नजरें दलित वोटबैंक पर टिकी है. मोदी की कोशिश मायावती के किले में सेंधमारी की है. हालांकि, यह सेंधमारी काफी हद तक लोकसभा चुनाव में हो भी गई थी.

लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव की बारी है. माया अपने किले में इस बार किसी तरह की चोट होने देना नहीं चाहतीं.

अब बाबा साहब के बहाने मायावती ने दलित-पिछड़ा कार्ड एक बार फिर चला है. लेकिन वो जानती हैं कि मोदी के पिछड़े कार्ड की काट के बगैर उनका दांव चल नहीं पाएगा.

लिहाजा, उन्होंने सीधे हमला मोदी पर बोला, मोदी के दलित-पिछड़ा प्रेम पर सवाल खड़ा किया, नीति और नीयत पर भी सवाल पूछा और यूपी की जनता को आगाह करने की कोशिश की. यहां तक कि यूपी के दलितों और पिछड़ों को उनके जातिवादी षड्यंत्र से बचने की नसीहत तक दे डाली.

निशाने पर मोदी 

मायावती की पूरी कोशिश है कि पिछड़ों का मसीहा साबित करने में लगे मोदी को निशाने पर लिया जाए.

दरअसल, नोटबंदी के फैसले के बाद प्रधानमंत्री मोदी हर मंच से यह दिखाने की कोशिश में लगे रहते हैं कि कैसे यह कदम गरीबों के हित में है.

लोग परेशान भी है फिर भी, गरीब तबका मोदी के फैसले के साथ खड़ा दिख रहा है. यूपी में बीजेपी की चल रही परिवर्तन रैलियों में भी मोदी ने नोटबंदी पर अपने तल्ख तेवर दिखा दिए हैं.

यह कहकर मोदी ने गरीब तबकों में अपनी पैठ और बनानी शुरू कर दी है कि गरीबों के जन-धन खातों में आए पैसे को गरीब निकालने न दें. अबतक 21,000 करोड़ रूपये से ज्यादा पैसे जन-धन खातों में जमा हो चुके हैं.

मायावती को यही डर सता रहा है कि कहीं दलित और पिछड़ा तबका मोदी के इस सियासी दांव से बीजेपी के साथ न खड़ा हो जाए. यही डर मोदी को जातिवादी षड्यंत्रकारी बता रहा है.

अपने पूरे संबोधन में मायावती ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर भी हमला किया. लेकिन, निशाने पर सबसे ज्यादा रही बीजेपी.

मायावती को डर

बीजेपी और संघ परिवार का अंबेडकर प्रेम भी इन दिनों खुलकर सामने आ रहा है. इससे मायावती को डर है कि बीजेपी का अंबेडकर प्रेम कहीं उनके दलित वोटबैंक को उनसे अलग न कर दें.

लिहाजा मायावती ने संघ परिवार को अंबेडकर विरोधी बताने में कोई गुरेज नहीं की.

सामने चुनाव है और यूपी की सियासत में चाबी दलितों के हाथों में रहने वाली है. माया यही एहसास कराने में लगी हैं.

अपनी चाबी का ठीक से इस्तेमाल करें. लेकिन पिछड़े मोदी की इस चाबी पर नजर माया को नहीं भा रही है.

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