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International Men's Day 2018: पुरुषों के लिए बेहद खास है आज का दिन, ये है इसके पीछे की कहानी

इस बात को तो हर कोई जानता है कि 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है, लेकिन बहुत कम लोग ही इस बात से वाकिफ होंगे कि हर साल 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है

Updated On: Nov 19, 2018 01:32 PM IST

FP Staff

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International Men's Day 2018: पुरुषों के लिए बेहद खास है आज का दिन, ये है इसके पीछे की कहानी

आज यानि 19 नवंबर को दुनियाभर के पुरुषों के लिए बेहद खास दिन है. भारत पुरुष प्रधान देश कहलाता है, इस देश में महिलाओं को पुरुषों के बराबर होने का एहसास दिलाने और नारी सशक्तिकरण को बढ़ाने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का जश्न मनाया जाता है, लेकिन पुरुष दिवस के बारे में आपको क्या पता है. जी हां, इस बात को तो हर कोई जानता है कि 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है, लेकिन बहुत कम लोग ही इस बात से वाकिफ होंगे कि हर साल 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है. हर साल की तरह इस साल भी अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 19 नवंबर को दुनिया भर में मनाया जा रहा है. ऐसे में हर किसी को यह पता होना चाहिए कि आखिर पुरुष दिवस क्यों मनाया जाता है और इसकी शुरुआत कैसे हुई? आइए आपको इस बारे में विस्तार से बताते हैंः

पहली बार 7 फरवरी 1992 को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया था

बताया जाता है कि अमेरिका के मिसौर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर थॉमस योस्टर की कोशिशों के बाद पहली बार 7 फरवरी 1992 के दिन अमेरिका, कनाडा और यूरोप के कुछ देशों ने पहली बार अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस का जश्न मनाया था, लेकिन साल 1995 से कई देशों ने फरवरी महीने में पुरुष दिवस मनाना बंद कर दिया. हालांकि कई देश इस दौरान अपने-अपने हिसाब से पुरुष दिवस का जश्न मनाते रहे हैं.

1998 में पहली बार 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया

आखिरकार साल 1998 में त्रिनिदाद एंड टोबेगो में पहली बार 19 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया और इसका सारा श्रेय डॉ. जीरोम तिलकसिंह को जाता है, क्योंकि उन्होंने ही अंतर्राष्ट्रीय दिवस को मनाने की पहल की और उन्होंने इसके लिए 19 नवंबर के दिन को चुना. उनके इस प्रयास के बाद से ही हर साल 19 नवंबर को दुनिया भर के 70 से ज्यादा देशों में अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है और यूनेस्को भी उनके इस प्रयास की सराहना कर चुकी है .

भारत में पहली बार इस दिवस को साल 2007 में मनाया गया 

भारत में पहली बार इस दिवस को साल 2007 में मनाया गया और इसे पुरुषों के अधिकार के लिए लड़ने वाली संस्था 'सेव इंडियन फैमिली' ने पहली बार मनाया था. इसके बाद 'ऑल इंडिया मेन्स वेल्फेयर एसोसिएशन' ने भारत सरकार से यह मांग की कि महिला विकास मंत्रालय की तरह पुरुष विकास मंत्रालय भी बनाया जाए.

महिलाओं की तरह पुरुषों की समस्याओं पर भी ध्यान देना जरूरी है

हमारे देश में नारी सशक्तिकरण के लिए कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं ताकि उन्हें पुरुषों के बराबर का दर्जा दिया जा सके लेकिन हकीकत तो यह भी है कि महिलाओं की तरह पुरुषों की समस्याओं पर भी ध्यान देना जरूरी है. दरअसल, पुरुषों के जीवन में भी कई ऐसी समस्याएं हैं, जिनसे उन्हें आए दिन दो-चार होना पड़ता है.

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