मशहूर वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने कहा है कि ब्रह्मांड में हम अकेले नहीं हैं. उनका मानना है कि इंसानी सभ्यता से ज्यादा उन्नत प्रजाति ब्रह्मांड में मौजूद है. उनका यह भी कहना था कि बेहतर होगा इंसान एलियंस से दूरी बना कर रखे. लेकिन सवाल बस यही हर बार उठता है कि आखिर वो एलियंस हैं कहां? आखिर अंतरिक्ष में वो जीवन किस ग्रह में मौजूद है?
अंतरिक्ष में जीवन की खोज में ऐसे ग्रहों पर ज्यादा जोर है, जो धरती से मिलते जुलते ग्रह हैं. चाहे आकार हो या फिर वायुमंडल. खोज में कहीं पानी मिलता है तो कहीं वातावरण की वजह से जीवन की संभावनाओं को बल मिलता है.
अनंत ब्रह्मांड की खोज में लगातार जुटी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की जादुई ‘केपलर दूरबीन’ अपनी खोजों से धरती को चौंकाने का काम कर रही है. इस बार भी केपलर दूरबीन की खोज ने धरती के आकार वाले 10 नए ग्रह ढूंढ कर दिए हैं. यह दस नए ग्रह सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा के समान दूरी पर सूर्य की परिक्रमा करते हैं.
केपलर ने पहले से ही 4034 संभावित ग्रहों की खोज की है जिनमें 2335 का वास्तविक ग्रहों के रूप में दावा किया गया है.
अंतरिक्ष की अब तक खोज की अनंत यात्रा से साफ है कि धरती जैसे ग्रहों की कुदरत की इस अनोखी कायनात में कमी नहीं है.
नासा ने खोजा धरती का जुड़वां ग्रह 'केपलर 438b'
नासा ने धरती जैसे ग्रहों की खोज में जुटी केपलर दूरबीन के जरिए ब्रह्मांड की अनंत गहराइयों में धरती की जुड़वां को ढूंढ निकाला था. इस ग्रह को 'केपलर 438b' नाम दिया गया. केपलर 438b का तापमान धरती के तापमान से ज्यादा मिलता-जुलता है. यही वजह है कि केपलर 438b को पृथ्वी के अधिक करीब माना जा रहा है. यह ग्रह धरती के आकार से 12 फीसदी बड़ा है.
जबकि इससे पहले भी धरती के जुड़वां ग्रह का दावा किया गया था. सौरमंडल के बाहर 'केपलर186f' नाम का ग्रह ढूंढा गया जिसे धरती का जुड़वां बताया गया.
कैपलर 186f धरती से 490 प्रकाश वर्ष दूर है और धरती से करीब 10 गुना बड़ा है. एक प्रकाश वर्ष रोशनी के एक साल में तय की गई दूरी के बराबर होता है. ऐसे में धरती के इस रिश्तेदार ग्रह तक पहुंचने में ही लाखों वर्षों का समय लग सकता है. भले ही वहां पहुंचना नामुमकिन है लेकिन इन ग्रहों के वातावरण की खोज से जीवन के रहस्य का पर्दा उठ सकता है.
धरती के आकार के सात ग्रह खोजे गए
ग्रहों की खोज में सबसे दिलचस्प खोज तब सामने आई जब एक ही तारे की परिक्रमा करने वाले धरती के आकार के सात ग्रहों को खोज निकाला गया. इन ग्रहों की दूरी 40 प्रकाश वर्ष आंकी गई है. इन ग्रहों की सतह में पानी होने की संभावना दिख रही है. ऐसा पहली बार हुआ था कि एक ही तारे की परिक्रमा करने वाले इतने सारे ग्रह मिले.
TRAPPIST-1 नाम के एक बेहद ठंडे और छोटे से तारे के आसपास ये सात ग्रह मिले थे. खास बात यह है कि तीन ग्रहों की सतह पर समुद्र होने की संभावना जताई गई है. इन ग्रहों के बारे में अनुमान है कि इनकी सतह का तापमान जल को तरल स्थिति में रहने देने के लिये अनुकूल है. यहां तक कि इन ग्रहों की परिस्थितियों का आकलन जीवन के लिए आदर्श माना जा रहा है.
साल 2010 में ग्लीस 581 जी नाम का ग्रह खोजा गया. चट्टानों से बना यह ग्रह धरती से 20 प्रकाश वर्ष दूर है और धरती से 2 से 3 तीन गुना बड़ा है. ग्लीस 581g ग्रह अपने सितारे का चक्कर 30 दिन में काटता है.
जबकि ग्लीस 667 cc को ‘सुपर अर्थ’ का तमगा मिला और यह धरती से सिर्फ 22 प्रकाश वर्ष दूर है. आकार में यह ग्रह भी धरती से बहुत बड़ा है. इसका आकार धरती से 4.5 गुना बड़ा है.
लेकिन धरती से सबसे दूर मिलता जुलता ग्रह है कैपलर-22b जो कि 600 प्रकाश वर्ष दूर है. हालांकि आकार में यह धरती से 2.5 गुना बड़ा है लेकिन इसकी खासियत है कि इसका औसत तापमान 22 डिग्री सेल्सियस है. वैज्ञानिक ऐसे तापमान को धरती की ही तरह जीवन के लिये अनुकूल मानते हैं.
अभी तक सौरमंडल के बाहर 3500 ग्रहों की खोज
दूसरे ग्रहों की तलाश में जुटे वैज्ञानिक और अनुसंधानकर्ता ग्रहों के वातावरण की खोज में जी जान से जुटे हैं. अभी तक सौरमंडल के बाहर 3500 ग्रहों की खोज हुई है. यह नए खोजे गए ग्रह भी उन्हीं में से एक हैं. लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि इन ग्रहों में अगर जीवन की संभावना हो भी तब भी यहां तक पहुंचने में लाखों वर्ष का समय लग सकता है.
वहीं कुछ ग्रह आकार में धरती से काफी बड़े हैं जहां तापमान न तो ज्यादा है और न ही कम. इसके बावजूद वहां जीवन की संभावना के बारे में पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है.
ऐसे में ब्रह्मांड एक खोज की इंसानी यात्रा जारी है और धरती से मिलते जुलते ग्रहों का मिलना उसके उत्साह और कामयाबी को शटल की उड़ान दे जाता है.
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