छठ महापर्व 11 नवंबर से ही शुरू हो चुका है. 4 दिन तक मनाए जाने वाला यह महापर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी तक चलता है. इसमें पहले दिन नहाय खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य की पूजा और फिर अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.
बता दें कि छठ व्रत विशेष रूप से पुत्र प्राप्ति के लिए किया जाता है. इसमें महिलाएं दो दिन तक बिना पानी पिए व्रत रखती हैं. इसके साथ ही छठी मैया को कई प्रकार का भोग भी लगाया जाता है. इसमें चढ़ाए जाने वाले प्रसाद का बहुत महत्व होता है, जिसके बिना पूजा पूरी नहीं होती. क्या आपको पता है छठी मैया को चढ़ने वाले ये 5 प्रसाद सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. आइए आपको बताते हैं इन 5 प्रसादों के गुणों के बारे में-
ठेकुआ
छठ पूजा में ठेकुए का प्रसाद सबसे अहम माना जाता है, जो कि गुड़ और आटे को मिलाकर बनाया जाता है. इसके बिना छठ की पूजा अधूरी मानी जाती है. इसके पीछे वैज्ञानिक तर्क है कि छठ के साथ सर्दी की शुरुआत हो जाती है और ठंड से बचने और सेहत को बेहतर रखने में गुड़ बेहद गुणकारी होता है. इसलिए इसे जरूर खाना चाहिए.
गन्ना
छठी मैया की पूजा में गन्ना भी बहुत जरूरी होता है. अर्घ्य देते समय पूजा की सामग्री में गन्ने का होना अनिवार्य है. छठी मैया को गन्ना बहुत प्रिय है. इसके बिना पूजा संपूर्ण नहीं मानी जाती है. बताया जाता है कि सूर्य की कृपा से ही फसल उत्पन्न होती है, इसलिए छठ पूजा में सूर्य को सबसे पहले नई फसल का प्रसाद अर्पण किया जाता है और गन्ना इस दौरान ही तैयार होता है. गन्ना सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है. गन्ना खाने से लीवर सही तरीके से काम करता है.
केला
छठी माई की पूजा में केले का पूरा गुच्छ मां को अर्पित किया जाता है. छठ की पूजा में केले का भी विशेष महत्व है. इसे भी प्रसाद के रूप में बांटा और ग्रहण किया जाता है. इसके पीछे तर्क है कि छठ पर्व बच्चों के लिए किया जाता है और सर्दियों के मौसम में बच्चों में गैस की समस्या होती हैं, ऐसे में उन्हें इससे बचाने के लिए प्रसाद में केला दिया जाता है.
नारियल
छठ पूजा में छठी मैया को प्रसन्न करने के लिए नारियल अर्पित किया जाता है. इसके पीछे वैज्ञानिक तर्क है कि मौसम में बदलाव के कारण होने वाले सर्दी जुकाम की समस्या से यह बचाने में मदद करता है. इसके अलावा इसमें कई अहम पौष्टिक तत्व मौजूद हैं, जो इम्यून सिस्टम को बेहतर रखने में मदद करते हैं.
डाभ नींबू
छठी मैया को डाभ नींबू जो कि एक विशेष प्रकार का नींबू है वह अर्पित किया जाता है. दिखने में यह बाहर से पीला और अंदर से लाल होता है. आपको बता दें डाभ नींबू हमारे स्वास्थ्य के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. यह हमें कई रोगों से दूर रखता है और बदलते मौसम में यह हमारे शरीर को बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करता है.
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