गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट ने आखिरकार भारतीय पैनल कोड की धारा 377 पर फैसला सुना दिया है. ये धारा सेम सेक्स मैरिज या गे मैरिज को अपराध घोषित करती है. आज सुप्रीम कोर्ट ने इस धारा को खत्म कर दिया है. अब भारत में समलैंगिकता अपराध नहीं है. लेकिन इसी बहाने हम ऐसे देशों पर नजर डाल रहे हैं, जहां गे मैरिज अपराध है और इसके लिए सजाएं तय करके रखी गई हैं और ऐसे भी देशों को जानेंगे, जहां गे मैरिज को स्वीकार कर वैध घोषित कर दिया गया है
दुनिया भर के लगभग 73 से 76 देशों में समलैंगिकता को अवैध घोषित किया गया है और इसके लिए सजाएं भी तय की गई हैं. इन देशों में अधिकतर एशियाई, खाड़ी और अफ्रीकी देश हैं. जिन देशों में समलैंगिकता को अवैध घोषित किया गया है, वहां समलैंगिकों के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न जैसे मामले आम हैं. ऐसे ही लगभग 25-26 देश ऐसे हैं जहां गे मैरिज वैध है.
कहां अवैध है समलैंगिकता और क्या है सजा?
www.forktip.com की मानें तो इन 76 देशों में समलैंगिकता अवैध है.
इन देशों में कई देश ऐसे हैं जहां समलैंगिक लोगों को मौत तक की सजा देने का प्रावधान है. ईरान, सूडान, सऊदी अरब और यमन, सोमालिया के कुछ हिस्से और उत्तरी नाइजीरिया में शरिया कानून के तहत समलैंगिकता के मामले में मौत की सजा दी जाती है. वहीं मॉरिशानिया, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, कतर और संयुक्त अरब अमीरात में भी सैद्धांतिक रूप से समलैंगिकता के मामले में मौत की सजा का प्रावधान है लेकिन अभी तक वहां ये सजा दिए जाने का कोई केस सामने नहीं आया है.
जिम्बॉम्बे के पूर्व राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे समलैंगिक लोगों को गंदगी बताते हुए कहा था कि वो देश में गे लोगों के सिर कटवा देंगे. युगांडा में उम्रकैद की सजा दी जाती है. यहां अब तक कई गे राइट्स एक्टिविस्ट्स की हत्या करवाई जा चुकी है.
नाइजीरिया में समलैंगिक पुरुषों को मौत की सजा और औरतों को जेल या कोड़े मारने की सजा दी जाती है. अगर यहां कोई किसी गे क्लब या संगठन का हिस्सा बनता है तो उसे 10 साल की सजा दी जा सकती है.
कहां समलैंगिकों को मिले हुए हैं अधिकार?
Pew रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक इन देशों में समलैंगिकों को शादी करने और शारीरिक संबंध का अधिकार है. इन देशों के साथ वो साल भी लिखे गए हैं, जब यहां समलैंगिकता को वैधता मिली.
अर्जेंटीना (2010) ऑस्ट्रेलिया (2017)
बेल्जियम (2003) ब्राज़ील (2013)
कनाडा (2016) कोलंबिया (2016)
डेनमार्क (2012) इंग्लैंड/वेल्श (2013)
फिनलैंड (2015) फ्रांस (2013)
जर्मनी (2017) ग्रीनलैंड (2015)
आइसलैंड (2010) आयरलैंड (2015)
लक्ज़मबर्ग (2014) माल्टा (2017)
उरुग्वे (2013) नीदरलैंड (2000)
न्यूज़ीलैंड (2013) नॉर्वे (2008)
पुर्तगाल (2010) स्कॉटलैंड (2014)
दक्षिण अफ्रीका (2006) स्पेन (2005)
यूएस (2015) स्वीडन (2009)
इसी के साथ अगर एक और सकारात्मक पहलू की ओर देखें तो दुनिया के पांच देश ऐसे भी हैं, जो समलैंगिकों के साथ भेदभाव को गैरकानूनी बनाते हैं. ये देश हैं- बोलिविया, इक्वाडोर, फिजी, मालटा और यूनाइटेड किंगडम.
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